Bcom 3rd Year Financial Management Question Paper

Bcom 3rd Year Financial Management Question Paper

Download and learn easily Bcom with dreamlife24.com:- We are presenting you to this subjects notes, Bcom 3rd Year Financial Management Question Paper bcom pdf Management Accounting, E-Commerce, Economics Laws, Principle of marketing, Auditing, Corporate Accounting, Public Finance, Fundamental of Enterperneurship, Income tax, Principal of Business Management, Cost Accounting, Company Law, Business Environment, Business Economics, Business regulatory Framework, Financial Accounting, Business Statistics, Business communication, money and financial notes, bcom math pdf notes, management accounting notes, macro economics notes, banking and insurance notes and other noes bcom 1st 2nd 3rd year pdf notes free available. This notes special for CCS University (CHAUDHARY CHARAN SINGH UNIVERSITY, MEERUT)

Bcom 3rd Year Financial Management Question Paper

C.C.S. University, Meerut

B.Com (Annual) Examination, 2019

(Code No. : C-305)

1. वित्तीय प्रबन्ध का मुख्य उद्देश्य है

(A) लाभों का अधिकतमीकरण

(B) अंशधारियों की सम्पदा का अधिकतमीकरण

(C) वित्तीय अनुशासन

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं

2. एक फर्म का बाजार मूल्य परिणाम है

(A) लाभांश निर्णयों को

(B) कार्यशील पूंजी निर्णयों का

(C) पूंजी बजटिंग निर्णयों का

(D) जोखिम तथा प्रत्याय के बीच ट्रेड-ऑफ

3. वित्तीय प्रबन्ध सम्बन्धित है

(A) कोषों की व्यवस्था से

(B) प्रत्येक व्यवसाय के कुशल प्रबन्ध से

(C) फर्म के लिए वित्तीय संसाधनों को प्राप्त करने एवं प्रयोग करने से

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं

4. वित्त प्रकार्य की आधुनिक विचारधारा के अनुसार निम्नलिखित निर्णय लिए जाते हैं

(A) विनियोग निर्णय

(B) वित्त पोषण निर्णय

(C) लाभांश निर्णय

(D) उपरोक्त सभी

5. वित्तपोषण निर्णयों में सम्मिलित है

(A) विनियोग, वित्तीय एवं विक्रय निर्णय

(B) विनियोग, वित्तपोषण एवं लाभांश निर्णय

(C) वित्तपोषण लाभांश एवं विक्रय निर्णय

(D) इनमें से कोई नहीं

6. “वित्तीय प्रबन्ध, वित्तीय निर्णय लेने की वह क्रिया है, जो व्यक्तिगत उद्देश्यों एवं उपक्रम के लक्ष्यों में समन्वय स्थापित करती है।” यह परिभाषा दी है

(A) जे.एफ. ड्रडले

(B) वेस्टन एवं ब्रीघम

(C) जे. एल. मैसी

(D) इनमें से कोई नहीं

7. वित्तीय नियोजन को प्रभावित करने वाले तत्व हैं

(A) व्यवसाय की प्रकृति

(B) जोखिमों की मात्रा

(C) सरकारी नियन्त्रण

(D) इनमें से सभी

8. वित्तीय प्रबन्ध को कुछ समय पूर्व कहा जाता रहा है

(A) व्यावसायिक वित्त

(B) निगम वित्त

(C) संस्थागत वित्त

(D) उपरोक्त (A) तथा (B) दोनों

9. वित्त प्रकार्य के प्रति परम्परागत उपागम का अभ्युदय हुआ था

(A) 1920 से पूर्व

(B) 1920 तथा 1930 के मध्य से

(C) 1950 से

(D) इनमें से कोई नहीं

10. मूल्य अधिकतमीक्रण उद्देश्य में, मूल्य से तात्पर्य है

(A) शुद्ध सम्पत्तियों के मूल्य से

(B) समता अंशों के बाजार मूल्य से

(C) उपरोक्त (A) एवं (B) दोनों से

(D) सामाजिक कल्याण से

11. वित्तीय निर्णय का सम्बन्ध होता है

(A) पूंजी संरचना से

(B) स्थायी सम्पत्तियों के क्रय से

(C) लाभांश वितरण से

(D) खातों के रख-रखाव से

12. निम्न में से कौन-सा वित्त कार्य का अंग नहीं है

(A) विनियोग निर्णय

(B) वित्तपोषण निर्णय

(C) व्यवसाय स्थापित करने का निर्णय

(D) लाभांश निर्णय

13. आर्थर एस. डेविंग के अनुसार निम्न में से कौन-सा वित्तीय नियोजन का प्रमुख घटक नहीं है

(A) पूंजीकरण

(B) पूंजी संरचना

(C) पूंजी का प्रबन्ध करना

(D) वित्तीय कार्यविधियों का विकास

14. निम्न में से कौन-सी क्रिया वित्तीय नियोजन में शामिल होती है

(A) पूंजी ढांचा तैयार करना

(B) लिपिकों की भर्ती करना

(C) माल बेचना

 (D) खाता तैयार करना

15. निम्नलिखित में से कौन-सी पूंजी संरचना विश्लेषण की तकनीक नहीं है

(A) पूंजी की लागत

(B) पूंजीगत बजटन

(C) पूंजी दन्तीकरण

(D) समता पर व्यापार

16. “पूंजी संरचना शब्द का बारम्बार प्रयोग किसी व्यावसायिक उपक्रम में प्रयुक्त कोषों के दीर्घकालीन स्रोतों से होता है” यह परिभाषा दी गयी है

(A) गेस्टेनबर्ग द्वारा ।

(B) रॉबर्ट वेसेल द्वारा

(C) आई.एम. पाण्डेय द्वारा

(D) इनमें से कोई नहीं

17. जब स्वामीगत पूंजी की तुलना में ऋणगत पूंजी अधिक हो, तो उसे कहते हैं।

(A) उच्च पूंजी दन्तीकरण

(B) निम्न पूंजी दन्तीकरण नहीं

(C) अति पूंजीकरण

(D) इनमें से कोई

18. पूंजी संरचनी नियोजन का कौन-सा सिद्धान्त नहीं है

(A) लोगत का सिद्धान्त

(B) नियन्त्रण का सिद्धान्त

(C) समता का सिद्धान्त

(D) जोखिम का सिद्धान्त

19. पूंजी संरचना प्रभावित होती है

(A) व्यवसाय के स्वरुप व प्रकृति द्वार

(B) आय की नियमितता द्वारा

(C) व्यवसाय पर नियन्त्रण के स्वरुप द्वारा

(D) उपरोक्त सभी

20. वित्तीय संरचना का आशय है

(A) दीर्घकालीन कोष

(B) दीर्घकालीन् कोष + चालू दायित्व

(C) दायित्वों का सम्पत्तियों पर आधिक्य

(D) इनमें से कोई नहीं

21. पूंजी दन्तीकरण का आशय है

(A) समता अंशों एवं स्थायी लागत वाली प्रतिभूतियों के बीच अनुपात

(B) समता अंशों एवं ऋणपत्रों के बीच अनुपात

(C) समता अंशों एवं अधिमान अंशों के बीच अनुपात

(D) इनमें से कोई नहीं

22. उच्च दन्तीकरण का अर्थ होता है

(A) समता अंश पूंजी स्थिर ब्याज पूंजी से कम है

(B) समता अंश पूजी अधिक है

(C) दोनों बराबर हैं

(D) दन्तीकरण का पूंजी संरचूना से कोई सम्बन्ध नहीं है

23. निम्न दन्तीकरण उचित होता है

(A) मुद्रा-स्फीति काल में

(B) व्यापार अपसर्पण काल में

(C) मन्दी काल में

(D) इनमें से कोई नहीं

24. समता पर व्यापार से आशय है

(A) पूंजी संरचना में कम समता अंश व दीर्घकालीन ऋण अधिक

(B) समता अंश अधिक दीर्घकालीन ऋण कम

(C) दोनों बराबर हैं

(D) इनमें से कोई नहीं

25. पूंजी ढांचा का आशय है

(A) पूंजी के दीर्घकालीन स्रोतों का अनुपात

(B) समता और अधिमान अंश पूंजी

(C) समता + अधिमान् अंश पूंजी + संचय + दीर्घकालीन ऋण

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं

26. पूंजी संरचना आदर्श कहलाती है जब

(A) पूंजी लागत न्यूनतम हो

(B) व्यवसाय की लाभदायकता अधिकतम हो

(C) लाभदायकता व लागत दोनों अधिकतम हो

(D) उपरोक्त (A) व (B) दोनों

27. सरिता लिमिटेड तथा ऋतु लिमिटेड की समता अंश पूंजी क्रमशः 5 लाख रुपये तथा 2 लाख रुपये है। दोनों में से प्रत्येक ने 60,000 ₹ लाभ कमाया है। सरिता लिमिटेड की ऋण पूंजी व अधिमान पूंजी नहीं है, जबकि ऋतु लिमिटेडू ने ऋणपत्रों पर ब्याज 10,000 ₹ तथा अधिमान अंशों पर लाभांश 15,000 ₹ दिया है। प्रति अंश आय क्रमश: है

(A) 12% एवं 30%

(B) 12% एवं 25%

(C) 12% एवं 17.5%

(D) 12% एवं 15%

28. यदि समता अंश पूंजी 1,00,000 ₹ है, 25,000 ₹ है तथा ऋण पूंजी 25,000 रुपये है। तो इसे कहा जाएगा

(A) निम्न दन्तीकरण

(B) उच्च दन्तीकरण

(C) सामान्य दन्तीकरण

(D) इनमें से कोई नही

29. लीवरेज का अर्थ है

(A) गाड़ी का गियर-बॉक्स

(B) पूंजी ढांचा

(C) लाभ-हानि

(D) प्रभावशीलता

30. परिचालन लीवरेज प्रभावित होता है

(A) स्थिर लागतों से

(B) परिवर्तनशील लागतों से

(C) प्रति इकाई विक्रय मूल्य या विक्रय मात्रा से

(D) उपरोक्त सभी

31. बिक्री ₹ 2,00,000

परिवर्तनशील लागत ₹ 1,4,000

स्थिर लागत ₹40,000

परिचालन लीवरेज होगा

(A)5

(B)3

(C)2

(D) 2.5

32. बिक्री ₹ 2,00,000

परिवर्तनशील लागत ₹ 1,40,000

स्थिर लागत ₹40,000 ₹

परिचालन लीवरेज होगा

(A)4

(B) 3

(c) 6

(D) 2

1,00,000 ऋण पर 10% का ब्याज संयुक्त लीवरेज होगा

33. परिचालन लीवरेज 2 है और वित्तीय लीवरेज 1.5 है। यदि बिक्री में 5% की वृद्धि हो, तो कर से पूर्व लाभ में वृद्धि होगी

(A) 15%

(B)7.5%

(C) 10%

(D) इनमें से कोई नहीं

34. दिया है

बिक्री पर परिवर्तनशील लागत का प्रतिशत 662/3 ब्याज ₹ 200

वित्तीय लीवरेज 3

परिचालन लीवरेज 5

बिक्री की राशि है

(A) 6,000₹

(B)4,500₹

(C) 3,000₹

(D)5,000₹

35. एक फर्म का विक्रय रुपये 75 लाख परिवर्तनशील लागत रुपये 42 लाख स्थायी लागत रुपये 6 लाख परिचालन लीवरेज है

(A) 1.22

(B) 1.67

(C) 3.00

(D)5.00

36. ‘परिचालन लीवरेज़ 4 है और वित्तीय लीवरेज 3 है। यदि बिक्री में 10% की वृद्धि हो, तो कर से पूर्व लाभ में वृद्धि होगी

(A) 30%

(B) 15%

(C) 20%

(D) इनमें से कोई नहीं

37. फर्म का विक्रय रुपये 75 लाख, परिवर्तनशील लागत रुपये 42 लाख, स्थायी लागत रुपये 6 लाख, 9% पर 45 लाख का ऋण वित्तीय लीवरेज होगा

(A) 1.31

(B) 1.105

(C) 1.22

(D) 1.176

38. अंशदान परिचालन लाभ-सूत्र है

(A) वित्तीय लीवरलाभ का

(B) परिचालन लीवरलाभ का

(C) मिश्रित लीवरलाभ का

(D) इनमें से कोई नहीं

39. परिचालन लीवरलाभ का कार्य

(A) स्थिर .

(B) परिचालन लीवरलाभ का ,

(C) बिकी की मात्रा

(D) उपरोक्त सभी

40. वित्तीय लीवरलाभ की गणना किसकी सहायता से की जाती है

(A) अंशदान और परिचालन लाभ से

(B) परिचालन लाभ और कर से पूर्व लाभ से

(C) अंशदान और कर से पूर्व लाभ से

(D) इनमें से कोई नहीं

41. यदि परिचालन लीवरलाभ 2 है और बिक्री 20% से बढ़ जाती है, तो कर से पूर्व

आय व कर में वृद्धि होगी

(A) 40%

(B) 10%

(C) 18%

(D) इनमें से कोई नहीं

42. वित्तीय उत्तोलन की मात्रा सर्वाधिक के आस-पास होती है।

(A) सनविच्छेद बिन्दु

(B) अंशदान

(C) सुरक्षा सीमा

(D) इनमें से कोई नहीं

43. यदि परिचालन लीवरलाभ 3.5 है। तो बिक्री 10% से बढ़ जाने पर कितने प्रतिशत वृद्धि होगी

(A) 0.35%

(B) 10%

(C) 35%

(D) इनमें से कोई नहीं

44. यदि वित्तीय लीवरलाभ 2.14 है तो EBIT में 6% वृद्धि होने पर कर योग्य में वृद्धि कितने प्रतिशत होगी

(A) 0.36%

(B) 12.84%

(C) 21.4%

(D) इनमें से कोई नहीं

45. लाभांश का अर्थ है

(A) लाभ की राशि

(B) लाभ का पूंजी से अनुपात

(C) लाभ की वितरण योग्य राशि

(D) अंशधारियों के मध्य बटने वाला लाभ

46. एक कम्पनी के रुप में लाभांश वितरित कर सकती है।

(A) स्कन्ध

(B) नकद …..

(C) दीर्घकालीन बॉण्ड

(D) उपरोक्त सभी

47. लाभांश का भुगतान किया जा सकता है

(A) चालू वर्ष के लाभ से

(B) गत वर्षों के लाभ से

(C) पूंजी से

(D) (A) और (B) दोनों से

48. सुदृढ़ लाभांश नीति की विशेषताएं कौन-सी हैं

(A) लाभांश की नियमितता

(B) लाभांश दरों में क्रमशः वृद्धि

(C) नकद लाभांश का वितरण

(D) उपरोक्त सभी

49. वाल्टर का मॉडल सम्बन्धित है

(A) पूंजी बजटन से

(B) रोकड़ बजटन से

(C) लाभांश नीति से

(D) ह्रास नीति से

50. एक कम्पनी अधिलाभांश अंश निर्गमित नहीं कर सकती, यदि इसने भुगतान में चूक की है।

(A) लाभांश

(B) कुर

(C) कर्मचारियों के देय

(D) बैंक ऋण

51. यदि किसी कम्पनी के अर्जन स्थिर हैं तो यह सरलता से अनुसरण कर सकती है

(A) सुस्थिर लाभांश नीति का

(B) लचीली लाभांश नीति का

(C) उदार लाभांश नीति का

(D) रुढ़िवादी लाभांश नीति का

52. एक कम्पनी का लाभांश भुगतान 10% है बताइये कि कम्पनी कौन सी लाभांश नीति का अनुसरण कर रही है

(A) सुस्थिर लाभांश नीति

(B)कठोर लाभांश नीति

(C) उदार लाभांश नीति

(D) इनमें से कोई नहीं

53. गॉर्डन के लाभांश सूत्र में (1-b) का अर्थ है

 (A) प्रति अंश लाभांश

(B) लाभांश् भुगतान अनुपात

(C) प्रति अंश आय

(D) इनमें से कोई नहीं

54. किस उपागम के अनुसार कम्पनी की लाभांश नीति और इसके मूल्य के बीच प्रत्यक्ष सम्बन्ध होता है

(A) असम्बद्धता

(B) सम्बद्धता

(C) आन्तरिक

(D) बाह्य

55. वाल्टर के अनुसार, एक संस्था की लाभांश नीति आधारित है

(A) आन्तरिक प्रत्याय दर पर

(B) पूंजीकरण की बाजार दर पर

(C) (A) एवं (B) दोनों पर

(D) अंशों के बाजार मूल्य पर

56. वाल्टर के अनुसार, यदि RA > Rc तो अंशों के बाजार मूल्य को अधिकतः करने के लिए, भुगतान अनुपात होना चाहिए

(A) उच्च

(B) निम्न

(C) स्थिर

(D) इनमें से कोई नहीं

57. वाल्टर के अनुसार, जब RA < Rc, तो आदर्श लाभांश नीति वह होगी कि लाभांश भुगतान अनुपात हो

(A) 10%

(B) 25%

(C)50%

(D) 100%

58. फर्म की लाभांश नीति और इसके अंश का बाजार मूल्य द्वारा निर्धारित होता है।

(A) प्रति अंश अर्जन

(B) मूल्य अर्जन अनुपात

(C) लाभांश आय

(D) पुस्तक मूल्य

59. वाल्टर का मॉडल प्रत्याय दर के——– के साथ सम्बन्ध पर आधारित है। 

(A) समता पूंजी

(B) पूंजीकरण

(C) ऋणपत्र

(D) संचितियां और आधिक्य

60. विभोर लिमिटेड 5 रुपये प्रति अंश अर्जित करती है। उसकी पूंजीकरण की दर 10% और विनियोग पर प्रत्याय दर 18% है। वाल्टर मॉडल के अनुसार, 25% लाभांश भुगतान अनुपात पर प्रति अंश मूल्य होना चाहिए

(A) 100₹

(B) 90₹

(C)80₹

(D) 75 ₹

61. दिया है

प्रति अंश आय =8

अंशधारियों द्वारा अपेक्षित प्रत्याय दर =16%

गॉर्डन मॉडल के अनुसार, अंश का बाजार मूल्य 50 रुपये तथा लाभांश भुगतान अनुपात 20% आश्वस्त करने के लिए विनियोगों पर प्रत्याय दर अर्जित की जानी चाहिए

(A) 15%

(B) 16%

(C) 18%

(D) 12.5%

62. नेहा लिमिटेड 15 ₹ प्रति अंश अर्जित करती है।

पूंजीकरण की दर 10%

विनियोग पर प्रत्याय की दर 15%

वाल्टर मॉडल के अनुसार, कम्पनी के लिए इष्टतम भुगतान अनुपात है

(A)0%

(B) 100%

(C) 50%

(D) 75%

63. कार्यशील पूंजी का आशय होता है

(A) चालू सम्पत्तियों के योग से

(B) चालू सम्पत्तियों के चालू दायित्वों पर आधिक्य से

(C) सम्पत्तियों का वह भाग जो व्यवसाय संचालन में बदलता रहता है

(D) उपरोक्त सभी

64. स्थायी कार्यशील पूंजी है

(A) कच्चे माल की न्यूनतम स्टॉक

(B) बैंक का न्यूनतम शेष

(C) मजदूरों का वेतन

(D) उपरोक्त सभी

65. अत्यधिक कार्यशील पूंजी प्रमाण है

(A) उन्नत साख का ।

(B) उत्पाद की माँग का

(C) निष्क्रिय कोषों का

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं

66. कार्यशील पूंजी ज्ञात करने के लिए चिट्ठा विधि में बनाए जाने वाले चिट्ठे को कहते

(A) ऐतिहासिक चिट्ठा

(B) प्रक्षेपी

(C) चालू चिट्ठा

(D) इनमें से कोई नहीं

67. यदि परिचालन व्यय 1,00,000 ₹ हो और वर्ष में परिचालन चक्र 1.25 हो, तो कार्यशील पूंजी होगी

(A) 1,25,000₹

(B) 1,00,000

(C) 80,000₹

(D) इनमें से कोई नहीं

68. निम्न में से कौन सा स्कन्ध रखने का उद्देश्य नहीं है

(A) आदेश लागत में कमी

(B) मात्रा छूट का लाभ

(C) नकद छूट का लाभ

(D)उपरोक्त सभी

69. मौसमी कार्यशील पूंजी की प्रकृति  है

(A) अल्पकालीन

(B) दीर्घकालीन

(C) मध्यकालीन

(D) परिवर्तनशील

70. कार्यशील पूंजी पर्याप्तता आवश्यक

(A) भुगतान में तत्परता हेतु

(C) ऋण प्राप्ति में सुविधा हेतु

(D)

71. कार्यशील पूंजी का अनुमान लगाने की शुद्ध चालू सम्पत्ति विधि आधारित है

(A) रोकड़ लागत पर

(B) साख नीति पर

(C) साख विक्रय पर।

(D) उधार + ब्याज दर पर

72. कार्यशील पूंजी ज्ञात करने के लिए रोकड़ पूर्वानुमान विधि आधारित है

(A) रोकड़ बजट पर

(B) रोकड़ प्रवाह पर

(C) कोष प्रवाह पर

(D) इनमें से कोई नहीं

73. दिया गया :

प्रारम्भिक स्टॉक :

 -कच्चा माल 22000

 -चालू (प्रगति पर) कार्य60000

 -निर्मित माल10000

अन्तिम स्टॉक : –

 -कच्चा माल22000

 -चालू (प्रगति पर) कार्य 61000

 -निर्मित माल 17000

सामग्री का क्रय70000

मजदूरी30000

कच्चे माल की भण्डारण अवधि होगी

(A) 112 दिन

(B) 113 दिन

(C) 111 दिन

(D) 114 दिन

74. वित्तीय विवरण होते है

(A) तथ्यों के अनुमान

(B) प्रत्याशित तथ्य

(C) अभिलेखित तथ्य

(D) उपरोक्त सभी

75. वित्तीय विवरण सम्बन्धित हैं

(A) लाभ-हानि खाता और आर्थिक चिट्ठा से

(B) आर्थिक चिट्टे से

(C) आय विवरण से

(D) आर्थिक चिट्ठ तथा, लाभ-हानि खाते, व लाभ-हानि समायोजन खाते से

(B) साख में वृद्धि

 (D) उपरोक्त सभी

76. निम्न में से कौन-सा रोकड़ में शामिल नहीं होता है

(A) हस्तगत रोकड़

(B) बैंक शेष

(C) ऋणपत्र

(D) इनमें से कोई नहीं

77. एक व्यवसाय में रोकड़ रखने के उद्देश्य होते हैं

(A) लेन-देन सम्बन्धी

(B) सुरक्षा सम्बन्धी

(C) क्षतिपूर्ति सम्बन्धी

(D) उपरोक्त सभी

78. जमा फ्लोट में शामिल है

(A) पोस्टल फ्लोट

(B) प्रोसेसिंग फ्लोट

(C) बैंक फ्लोट

(D) उपरोक्त सभी

79. सामान्यतः देनदारों से 45 दिन में वसूली होती है, स्कन्ध औसतन 75 दिनों तक चलता है। लेनदारों की भुगतान की अवधि औसतन 30 दिन है। रोकड़ चक्र कितना हैं

(A) 120 दिन

(B) 90 दिन

(C) 150 दिन

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं

80. दिया है :

रोकड़ आवर्त 5

वार्षिक रोकड़ परिचालन व्यय ₹ 1,80,000 ; न्यूनतम रोकड़ शेष की आवश्यकता होगी

(A)₹ 36,000

(B)₹ 40,000

(C) ₹ 50,000

(D) ₹ 15,000

81. एक माह में भुगतान की गई मजदूरी 5,750 ₹ थी, जबकि मजदूरी भुगतान में 1/8 माह की देरी होती है। यदि चालू माह की कुल मजदूरी 6,000 ₹ है जो गत माह की कुल मजदूरी थी

(A)₹ 4,250

(B) ₹ 4,800

(C) ₹ 4,000

(D) ₹ 4,750

82. ‘प्राप्यों’ शब्द में क्या शामिल होता है

(A) केवल देनदार

(B) केवल प्राप्य विपत्र

(C) (A) तथा (B) दोनों

(D) इनमें से कोई नहीं

83. निम्न में से कौन-सी लागत प्राप्यों से सम्बन्धित नहीं है

(A) रखाव-लागत

(B) अपचार लागत

(C) चूक लागत

(D) इनमें से कोई नहीं

84. साख अवधि बढ़ाने पर

(A) विक्रय की मात्रा में वृद्धि होती है.

(B) अशोध्य ऋण पर हानि में वृद्धि होती है

(C) औसत वसूली अवधि में वृद्धि होती है

(D) उपरोक्त सभी

85. उदार साख प्रमाप का परिणाम हो सकता है

(A) अशोध्य ऋण में वृद्धि

(B) औसत वसूली अवधि में वृद्धि

(C) वसूली लागत में कमी

(D) केवल (A) तथा (B)

86. प्राप्यों की रख-रखाव करना पड़ता है

(A) बिक्री में वृद्धि के लिए

(B) लाभ में वृद्धि के लिए

(C) प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए

(D) उपरोक्त सभी

87. अपचार की लागत उत्पन्न होती है जब

(A) ग्राहक की वित्तीय स्थिति खराब हो

(B) ग्राहक की वित्तीय स्थिति सन्देहात्मक हो

(C) (A) तथा (B) दोनों

(D) इनमें से कोई नहीं

88. दिया है :

वार्षिक मांग 13,000 इकाइयां

अवधि अन्तराल 6 सप्ताह

सुरक्षा स्कन्ध 500 इकाइयां

आदेश बिन्दु है

(A) 1,500 इकाइयां

(B) 2,000 इकाइयां

(C) 800 इकाइयां

(D) इनमें से कोई नहीं

89. विश्लेषण प्रक्रिया में प्रमुख रूप है

(A) तुलना

(B) प्रवृत्ति

(C) चयन

(D) तथ्यों का पुनर्वर्गीकरण

90. आदर्श चालू अनुपात है

(A) 1 : 1

(B) 1 : 2

(C) 2 : 1

(D) 2 : 2

91. आदर्श तरलता अनुपात है

(A) 1 : 1

(B) 1 : 2

(C) 2 : 1

(D) 2 : 2

92. तरलता अनुपात में सम्मिलित नहीं होता

(A) रोकड़

(B) बैंक शेष

(C) देनदार

(D) रहतिया

93. निम्नलिखित में से कौन-सा गैर चालू दायित्व है

(A) बन्धक ऋण

(B) बैंक अधिविकर्ष

C) अदत्त मजदूरी

(D) देय बिल

94. मशीन पर ह्रास है

(A) कोष का प्रयोग

(B) कोष का स्रोत

(C) कोष का कोई प्रवाह नहीं

(D) उपरोक्त में से कोई नहीं

95. निम्नलिखित में से किसके द्वारा कार्यशील पूंजी में वृद्धि होगी

(A) देनदारों को नकद भुगतान

(B) लेनदारों को चेक द्वारा भुगतान

(C) ख्याति का अपलेखन

(D) रोकड़ हेतु पुरानी मशीन का विक्रय

96. रोकड़ प्रवाह विवरण, वित्तीय आयोजन के किस प्रारुप में सहायता करता है,

(A) अल्पकालीन

(B) दीर्घकालीन

(C) अत्यन्त अल्पकालीन

(D) अत्यन्त दीर्घकालीन

97. निम्नलिखित में से कौन रोकड़ अन्तर्वाह नहीं है

(A) लेनदारों में कमी

(B) अंशों का निर्गमन

(C) स्थिर सम्पत्तियों का विक्रय

(D) देनदारों में कमी

98. लेनदारों में वृद्धि से होती है

(A) रोकड़ में कमी

(B) रोकड़ में वृद्धि

(C) रोकड़ में कोई परिवर्तन नहीं

(D) उपरोक्त में कोई नहीं

99. प्राप्य बिलों की रकम में वृद्धि से होती

(A) रोकड़ में कमी

(B) रोकड़ में वृद्धि

(C) रोकड़ में कोई परिवर्तन नहीं

(D) उपरोक्त में कोई नहीं

100. संचालन से रोकड़ की कमी का कारण होगा

(A) चालू सम्पत्तियों में वृद्धि

(B) चालू सम्पत्तियों में कमी

(C) चालू दायित्वों में वृद्धि

(D) इनमें से कोई नहीं


Financial Management

  1. Financial management – An Introduction
  2. Financial Planning
  3. Capitalization
  4. Capital Structure
  5. Theories of Capital structure
  6. Leverage
  7. Dividend Policy
  8. Management of Working Capital
  9. Management of Cash
  10. Management of Receivables
  11. Inventory Management
  12. Financial Statements
  13. Ratio Analysis
  14. Fund Flow Statement
  15. Cash Flow Statement

Leave a comment