Promotion Meaning and Definition In hindi

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Promotion Meaning and Definition In hindi

संवर्द्धन या प्रवर्तन का अर्थ एवं परिभाषा

प्रवर्तन या संवर्द्धन प्रयासों द्वारा ही उत्पाद को ग्राहकों की जानकारी में लाया जाता है और उनसे उत्पाद क्रय करने की प्रार्थना की जाती है। इस प्रकार संवर्द्धन, संचार (communication) का ही एक रूप है जिसके द्वारा वस्तुओं या सेवाओं की ओर सम्भावित ग्राहकों का ध्यान आकर्षित किया जाता है, उन्हें सूचना दी जाती है एवं क्रय हेतु अनुनयन (persuation) किया जाता है। Promotion Meaning and Definition In hindi

Promotion Meaning and Definition In hindi


संवर्द्धन के अन्तर्गत वे सभी क्रियाएँ सम्मिलित होती हैं, जिनसे ग्राहकों को वस्तु के सम्बन्ध में सूचनाएँ मिलती हैं तथा वे वस्तु से प्रभावित होकर वस्तु खरीदने के लिए प्रेरित होते हैं। कुछ प्रमुख विद्वानों ने विक्रय संवर्द्धन को निम्न प्रकार परिभाषित किया है-

विलियम जे० स्टेन्टन के अनुसार, “संवर्द्धन सूचना देने, प्रेरित करने और प्रभावित करने की क्रिया है।”

फिलिप कोटलर के अनुसार, “संवर्द्धन में विपणन मिश्रण के वे सभी तत्व निहित होते हैं जिनका प्रमुख उद्देश्य प्रेरणादायक सम्प्रेषण करना होता है।”

मैसन एवं जॉनसन के अनुसार, “संवर्द्धन में उन सभी क्रियाओं को सम्मिलित किया जाता है जो कम्पनी के माल या सेवाओं के विक्रय हेतु उपभोक्ताओं के ध्यान को अपनी ओर आकर्षित कर सकें।”

प्रवर्तन अन्तर्लय अथवा प्रवर्तन सम्मिश्रण (Promotion Mix)

प्रवर्तन अन्तर्लय को विपणन विचार अन्तर्लय (Marketing Communication Mix) अथवा संचार अन्तर्लय (Communication Mix) का समानार्थी माना जा सकता है क्योंकि दोनों में ही क्रेताओं को सूचनाएँ दी जाती हैं और उन्हें उत्पाद क्रय हेतु तैयार किया जाता है। वस्तुतः संचार अन्तर्लय प्रवर्तन अन्तर्लय का ही आधुनिक नाम है।

11 प्रवर्तन अन्तर्लय संस्था की सर्वांगीण विपणन व्यूहरचना को प्रभावी ढंग से लागू करने में सहायक है। विलियम जे० स्टेण्टन (William J. Stanton) के अनुसार, “प्रवर्तन अन्तर्लय वैयक्तिक विक्रय, विज्ञापन, विक्रय प्रवर्तन एवं अन्य सम्बन्धित उपकरणों का वह दाँवपेचपूर्ण संयोजन है जो विक्रय कार्यक्रम के लक्ष्यों तक पहुँचने में मदद करता है।”


प्रवर्तन अन्तर्लय के संघटक या अंग (Ingredients or Components of Promotion Mix)

विपणन संचार सम्मिश्रण (Marketing Communication Mix) के स्थान पर कुछ विद्वान केवल संचार सम्मिश्रण (Communication Mix) या संवर्द्धन सम्मिश्रण (Promotional Mix) शब्दों का ही प्रयोग करते हैं। प्रवर्तन सम्मिश्रण के निम्नलिखित अंग माने जाते हैं-

(1) वैयक्तिक विक्रय (Personal Selling)—American marketing एसोसिएशन के अनुसार, “एक या अधिक सम्भावित ग्राहकों के साथ बिक्री करने के उद्देश्य से वार्तालाप में मौखिक रूप में प्रस्तुतीकरण करना, वैयक्तिक विक्रय कहलाता है।” इसमें एक विक्रेता मौखिक रूप में वस्तु की विशेषताओं को उन व्यक्तियों को बताता है जो ग्राहक को पता नहीं है लेकिन यदि उनको प्रभावित कर लिया जाता है तो वे ग्राहक बन सकते हैं।

(2) विज्ञापन (Advertising)-व्हीलर के अनुसार, “विज्ञापन लोगों को क्रय करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से विचारों, वस्तुओं तथा सेवाओं का अवैयक्तिक प्रस्तुतीकरण है जिसके लिए भुगतान किया जाता है। इसके बहुत से साधन हैं, जैसे—समाचारपत्रीय विज्ञापन, डाक द्वारा विज्ञापन, रेडियो व टेलीविजन, सिनेमा, मेले व प्रदर्शनियाँ आदि।”

(3) विक्रय संवर्द्धन (Sales Promotion)-विक्रय संवर्द्धन में, “व्यक्तिगत विक्रय विज्ञापन तथा प्रचार के अतिरिक्त सब क्रियाएँ आती हैं, जो उपभोक्ता क्रय एवं विक्रेता की तत्परता को प्रेरित करती हैं, जैसे-सजावट, तमाशे एवं नुमाइशें, प्रदर्शन तथा विभिन्न अनैत्यक विक्रय प्रयत्न जो साधारण जीवन में नहीं किए जाते हैं

(4) पब्लिसिटी (Publicity)—इसमें निर्माता द्वारा वस्तु या सेवा के बारे में (खबरें निकलवायी जाती हैं या किसी अन्य प्रकार से अनुकूल वातावरण बनाया जाता है, जिससे विक्रय वृद्धि में सहायता मिलती है।

(5) जनसम्पर्क (Public Relation) जनसम्पर्क भी संवर्द्धन या संचार ‘सम्मिश्रण का एक स्वरूप है जिसके अन्तर्गत संस्था की एक चमकीली छवि बनाने का प्रयत्न किया जाता है। इससे संस्था की ख्याति बढ़ती है जो विक्रय वृद्धि में सहायक होती है।

(6) क्रय स्थान पर प्रदर्शन (Display at Purchase Point)—यह एक पूरक विक्रयकर्ता की तरह है जो क्रेताओं को अपनी ओर आकर्षित करती है और उन्हें क्रय का निर्णय लेने में सहायक होती है। यह तरीका टेलीविजन या मोटर कार जैसी उपभोक्ता वस्तुओं में काफी पाया जाता है।

(7) पैकेजिंग (Packaging)—पैकेजिंग भी लोगों के ध्यान को आकर्षित करती है और अन्य वस्तुओं से भिन्नता उत्पन्न करती है। इसमें सूचनाएँ व अन्य आवश्यक बातें होती हैं जो क्रेता को क्रय करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।

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