Explain AIDA formula to write a Persuasive Letter.

Explain AIDA formula to write a Persuasive Letter. प्रेरित करने वाले पत्र के लिए AIDA सूत्र की व्याख्या कीजिए। उत्तर -जब पत्र लेखक को इस बात की आशंका होती है कि पत्र प्राप्तकर्ता आपत्ति या विरोध प्रकट करेंगे तो उसे अपनी बात पर बल देने के लिए प्रमाणों तथा आँकड़ों की आवश्यकता पड़ती है। इस विधि के अन्तर्गत प्रेरक पत्रों का नियोजन प्रसिद्ध सूत्र AIDA के आधार पर किया जाता है— इस प्रकार एक प्रेरित करने वाले पत्र के चार भाग हो सकते हैं- 1. A. ध्यान – प्रथम वाक्य खण्ड (A : Attention: First Paragraph) प्रेरक पत्रों का प्रथम भाग पाठक/श्रोता का ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से लिखा जाता इसमें पाठक के हित व लाभ की बात को स्पष्ट करना चाहिए जिससे वह पत्र पढ़ने के लिए प्रेरित हो जाए। पाठकों को प्रारम्भ में ही भरोसा दिलाना होता है कि आप कुछ लाभदायक अथवा रोचक बात कहने जा रहे हैं। पाठक जानना चाहता है कि ‘मेरे लिए क्या सन्देश है?’ प्रत्येक प्रेरित करने वाले पत्र को ऐसे आरम्भ करना चाहिए ताकि पाठकों का ध्यान आकर्षित हो । प्रेरक पत्र (अ) व्यक्तिगत (ब) ‘आप’ दृष्टिकोण (You’ Attitude) प्रयोग से भरपूर (स) फिजूल बातों रहित तथा (द) प्रासंगिक (Relevant) होना चाहिए। १ एक प्रेरित करने वाले पत्र का आरम्भ निम्नलिखित ढंग से किया जा सकता है – 2. I. रुचि – दूसरा वाक्य खण्ड (I. Interest : Second Paragraph) — पत्र के द्वितीय भाग का उद्देश्य पाठक में रुचि जाग्रत करना होता है अर्थात् पत्र के इस हिस्से में ऐसे तथ्यों व संवादों का प्रयोग किया जाता है जिससे उस पत्र के प्रस्ताव के प्रति रुचि जाग्रत हो जाए। इसलिए आवश्यक है कि इस हिस्से में पाठक के विचारों की अभिव्यक्ति की जाए। अपनी बात पर बल देने के लिए तथ्य व आँकड़े दिए जाने चाहिए तथा भावनात्मक व मनोवैज्ञानिक अपील की जानी चाहिए । इस खण्ड में अपनी योजना, उत्पाद अथवा सेवा के विषय में बताने के पश्चात् यह बताना चाहिए कि पाठकों के लिए यह किस प्रकार लाभदायक है। अपने उत्पाद, योजना तथा सेवा की मुख्य विशेषताएँ, निर्माण, आकार, कार्यक्षमता, सुन्दरता, कार्य आदि को स्पष्ट करना चाहिए। इससे पाठकों को होने वाले प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लाभों को स्पष्ट रूप से वर्णित करना चाहिए। 3. D. इच्छा – तीसरा वाक्य खण्ड (D. … Read more