What is Inflation ?

What is Inflation ? मुद्रा स्फीति (Inflation ) जब कोई देश अपने देश की मुद्रा के बदले दूसरे देश की मुद्रा को पहले से कम मूल्य में लेने के लिए तैयार होता है तो उसे मुद्रा का अवमूल्यन कहते हैं। मुद्रा स्फीति की कोई पूर्ण तथा सामान्य परिभाषा देना सरल नहीं है क्योंकि भिन्न-भिन्न अर्थशास्त्रियों ने भिन्न-भिन्न दृष्टिकोणों से ‘मुद्रा स्फीति’ की व्याख्या की है। अतः मुद्रा स्फीति की स्थिति का सही परिचय पाने के लिए यहाँ कुछ महत्त्वपूर्ण परिभाषाओं का अध्ययन करना उचित होगा।  प्रो० कैमरर के शब्दों में – “मुद्रा स्फीति वह अवस्था है जिसमें मुद्रा का मूल्य गिरता है अर्थात् कीमतें बढ़ती हैं। “ यद्यपि प्रो० कैमरर का विचार अत्यन्त सरल, व्यावहारिक और स्पष्ट है तथापि इस परिभाषा को पूर्णतः सन्तोषजनक नहीं कहा जा सकता क्योंकि कीमत स्तर पर होने वाली प्रत्येक वृद्धि, मुद्रास्फीति नहीं होती है। “मुद्रा प्रसार वह अवस्था है जब वास्तविक व्यापार की मात्रा से चलन तथा निक्षेप की मात्रा अत्यधिक होती है।” इस परिभाषा के विश्लेषण से स्पष्ट है कि मुद्रा स्फीति उस समय उत्पन्न होती है जब विनिमय-साध्य वस्तुओं तथा सेवाओं की तुलना में मुद्रा का परिमाण बढ़ जाता है। प्रो० हा के शब्दों में — “वह स्थिति, जिसमें मुद्रा का अत्यधिक निर्गमन हो, मुद्रा – स्फीति कहलाती है।