Special Economic Zone : SEZ

Special Economic Zone : SEZ विशेष आर्थिक क्षेत्र – सेज  विशेष आर्थिक क्षेत्र एक ऐसा शुल्क मुक्त आर्थिक क्षेत्र है जहाँ विस्तृत रूप से विदेशी निवेश को आकर्षित करने के साथ-साथ निर्यात व्यापार को बढ़ावा दिया जाता है। सेज बनाने का मुख्य उद्देश्य निर्यात उत्पादन को नियमों व कानूनों की अड़चनों से मुक्त रखना है। भारत में सेज की स्थापना के लिए नीतिगत योजना 1 अप्रैल, 2000 से शुरू की गई ताकि निर्यात उत्पादन के लिए अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी, एक बाधारहित वातावरण का निर्माण हो ।  (1) भारत में सेज स्थापित करने की योजना मुख्यतः चीन से प्रेरित है। चीन ने 1990 के दशक में सेज की स्थापना कर अपने निर्यात व्यापार में तीन गुना वृद्धि कर ली है।  (2) सेज की स्थापना के बाद भारत के निर्यात व्यापार की वार्षिक वृद्धि लगभग 15-18% के बीच रही है, जो इन क्षेत्रों की स्थापना के पहले की वृद्धि (8-10%) से लगभग दुगुनी है। (3) कांडला और सूरत (गुजरात), सांताक्रूज (महाराष्ट्र), कोच्चि (केरल), चेन्नई (तमिलनाडु), विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश), फाल्टा (प० बंगाल) और नोएडा (उ०प्र०) स्थित सभी आठ निर्यात संवर्द्धन क्षेत्रों को विशेष आर्थिक क्षेत्र में बदल दिया गया है। विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम के अन्तर्गत निजी/ संयुक्त क्षेत्र में अथवा राज्य सरकारों और उसकी एजेंसियों को विशेष आर्थिक क्षेत्र स्थापित करने के लिए औपचारिक अनुमति प्रदान कर दी गई है । सेज की मुख्य विशेषताएँ (Main Characteristics of SEZ) सेज की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं- (1) सेज के तहत कुछ ऐसे एनक्लेव यानी परिक्षेत्र स्थापित किए गए हैं, जिन्हें किसी आयात-निर्यात नियमों का पालन किए बगैर अपने विदेशी व्यापार करने की पूर्ण स्वतन्त्रता है।  (2) सेज की इकाइयाँ उत्पादन व्यवसाय या सेवा से सम्बन्धित कार्य करती हैं।  (3)सेज को व्यवसाय परिचालन तथा शुल्कों एवं करों के लिए एक विदेशी उपनिवेश माना गया है जिसकी इकाइयाँ तीन वर्षों के भीतर एक सकारात्मक शुद्ध विदेशी विनिमय प्राप्तकर्त्ता के रूप में परिवर्तित हो जाएँगी। (4) सेज के उत्पादों और सेवाओं के लिए पूर्ण शुल्क पर घरेलू बिक्री कर लागू होता है जो प्रचलित आयात शुल्क के अधीन होगी। (5) निर्यात एवं आयात कार्गो की कस्टम द्वारा कोई नियमित जाँच नहीं होगी, साथ ही कस्टम एवं एक्जिम नीति के लिए अलग से किसी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं है।  (6) विकास आयुक्त के नेतृत्व में एवं कस्टम अधिकारियों से निर्मित समिति द्वारा सेज की इकाइयों की निगरानी की जाएगी। (7) आयकर अधिनियम की धारा 10A के प्रावधानों के तहत सेज की इकाइयाँ सन् 2010 तक कॉर्पोरेट टैक्स हॉलीडे के लिए पात्र होंगी। (8) अस्त्र-शस्त्रों, विस्फोटक पदार्थों, … Read more