Home Bcom 1st year notes Bcom 1st year Modern Means of Communication notes

Bcom 1st year Modern Means of Communication notes

2

Bcom 1st year Modern Means of Communication notes

सम्प्रेषण के आधुनिक साधन 

(Modern Means of Communication)

इक्कीसवीं शताब्दी के प्रथम दशक में सम्प्रेषण के साधन के रूप में विभिन्न यन्त्रों का आविष्कार हो चुका है। सम्प्रेषण के आधुनिक साधन निम्नलिखित हैं 

  • फैक्स,
  • इलेक्ट्रॉनिक मेल अथवा ई-मेल,
  • इण्टरनेट,
  • सेल्युलर फोन्स।

सम्प्रेषण के प्रमुख अत्याधुनिक साधनों की विस्तृत विवेचना इस प्रकार है- . 

1. फैक्स (Fax or Fasimile)

फैक्स सूचना प्रौद्योगिकी की एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है। इसमें ग्राफ, चार्ट, हस्तलिखित/मुद्रित सामग्री को टेलीफोन नेटवर्क के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर मूल 

की फोटो कॉपी के रूप में भेजा जाता है। इसके द्वारा कुछ ही सेकण्डों में टाइप किए हुए या लिखित सन्देश की अधिकाधिक मात्रा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजना सम्भव होता हो अन्य शब्दों में, फैक्स के द्वारा मूल प्रति की छायाप्रति दूसरे छोर पर तत्काल उपलब्ध हो सकती है। 

यह प्रणाली अन्य प्रणालियों की तुलना में त्वरित व सस्ती है। इसका प्रयोग उस स्थिति में अत्यन्त उपयोगी व लाभप्रद होता है, जब प्रेषक व प्राप्तकर्ता के बीच की दूरी काफी अधिक हो।  फैक्स सेवा एक त्वरित व अत्यन्त सस्ती प्रणाली है। इस फैक्स सेवा के जरिए हम अपने लिखित/मुद्रित दस्तावेजों को फोटोकॉपी रूप में सम्बन्धित व्यक्ति तक अविलम्ब प्रेषित कर सकते हैं। आज फैक्स सेवा दैनिक कार्य-प्रणाली का एक प्रमुख अंग बन गई है, इसका प्रयोग स्वास्थ्य, चिकित्सा, व्यापार, कृषि, बैंकिंग, बीमा व शिक्षा इत्यादि क्षेत्रों में अधिकाधिक किया जा रहा है। 

2. ई-मेल (e-Mail)

सूचना सम्प्रेषण के इस नवीनतम व उन्नत माध्यम से कम्प्यूटर के द्वारा हम घर बैठे विश्व के किसी भी हिस्से से सम्बद्ध व्यक्ति को सन्देश सम्प्रेषित कर सकते हैं। सन्देश प्राप्तकर्ता चाहे हमसे कितनी ही दूर क्यों न हो, हमारा सन्देश कुछ सेकण्डों/मिनटों में ही सम्बन्धित व्यक्ति तक पहुँच जाता है। ई-मेल के उपयोग से कागज व समय की भी बचत होती है। इसका एक स्थान से दूसरे स्थान के लिए सम्प्रेषण भी सुविधापूर्ण होता है। ई-मेल को सम्प्रेषित करने का माध्यम कम्प्यूटर – होता है। ई-मेल के द्वारा जिस सन्देश या पत्र को प्रेषित करना होता है, उसकी सामग्री वर्ड प्रोसेसर द्वारा पहले ही तैयार कर ली जाती है, तत्पश्चात् जिस ई-मेल पते पर यह पत्र प्रेषित करना होता है, वहाँ तक इसे टेलीफोन/केबिल नेटवर्क द्वारा प्रेषित कर दिया जाता है। पत्र या सन्देश की समस्त जानकारी सम्बन्धित व्यक्ति की कम्प्यूटर स्क्रीन/टी०वी० स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाती है। आवश्यकता होने पर सन्देश/पत्र कम्प्यूटर की स्मृति में संचित हो जाता है। सम्बन्धित व्यक्ति के लौटते ही कम्प्यूटर से सम्बन्धित एक घण्टी सूचना देगी कि कोई पत्र उसकी प्रतीक्षा में है। 

यदि दो व्यक्तियों के इण्टरनेट आपस में कम्प्यूटर के माध्यम से जुड़े हों तो ई-मेल द्वारा एक-दूसरे तक सन्देश का प्रसारण बड़ी सुगमता से किया जा सकता है।

bcom 1st year business communication notes in hindi

ई-मेल भेजने की विधि

(Method of Sending e-Mail) 

किसी व्यक्ति को ई-मेल प्रेषित करने के लिए सर्वप्रथम विण्डो के Start’ को ‘Click’ करके ‘Programme’ पर ‘Click’ करें। अब आपको कम्प्यूटर में विद्यमान समस्त कार्यक्रमों की सूचना स्पष्ट दिखाई देगी। इस सूची में ‘Outlook Express’ भी द्रष्टव्य होगा। ‘Click’ करने पर ‘Outlook Express’ चालू हो जाएगा। इसके ‘Screen’ पर एक ‘New Mail’ बॉक्स दिखाई देगा। इसे ‘Click’ कीजिए। ‘Click’ करने पर इसमें ‘New Messages’ नामक बॉक्स खलेगा आप इसमें To’ के आगे के खण्ड में e-mail’ पता अंकित कर दें। To’ के नीचे सीसी वाला बॉक्स होता है। यदि आप अपने सन्देश को एक-से-अधिक व्यक्तियों तक भेजना चाहते हैं तो उन सही व्यक्तियों का (e-mail’ का पता अल्पविराम (,) से अलग करके यहाँ लिख दीजिए। इसके ठीक नीचे ‘Subject’ नामक बॉक्स है, यहाँ पर आप अपने सन्देश का मुख्य हिस्सा लिख दीजिए. तत्पश्चात् पास में ही एक बड़ी खाली जगह दिखेगी, इस खाली जगह पर आप अपना सन्देश लिख दीजिए। पूर्ण सन्देश लिखने के बाद New Messages’ बॉक्स के बायीं ओर ऊपरी कोने में स्थित ‘Send’ नामक बॉक्स पर ‘Click’ कीजिए। यदि आप ‘Modem’ द्वारा इण्टरनेट से जुड़े हैं तो 

आपका सन्देश अविलम्ब प्रेषित हो जाएगा, अन्यथा आपका सन्देश ‘Out-Box’ नामक स्थान पर संचित हो जाएगा और जब आप ‘Internet’ से जुड़ेंगे तो यह सन्देश प्रेषित हो जाएगा।

ई-मेल प्राप्त करने की विधि

(Method of Receiving e-Mail)

ई-मेल प्राप्त करना अत्यन्त आसान व सरल है। यदि आपके कम्प्यूटर में ‘Outlook Express’ या कोई ई-मेल सॉफ्टवेयर लगा हो तो आप जैसे ही इण्टरनेट से जुड़ेंगे, यह सॉफ्टवेयर स्वतः ही आपकी डाक या सन्देश की जाँच करेगा। कोई सन्देश या डाक होने पर “Computer Screen’ के निचले हिस्से पर “Take Bar’ में एक-एक सन्देश चमक कर आपको सूचित करेगा। आप ‘Outlook Express’ को ‘Open’ कर अपने ‘e-mail’ सन्देश को पढ़ सकते हैं। 

3. इण्टरनेट (Internet)

इण्टरनेट आधुनिक संचार-क्रान्ति का महत्त्वपूर्ण पायदान बन चुका है। दूरस्थ स्थानों पर स्थापित कम्प्यूटर नेटवर्क को टेलीफोन लाइन की सहायता से जोड़कर अन्तर्राष्ट्रीय सम्प्रेषण को मूर्त रूप प्रदान किया जा चुका है। 

इण्टरनेट की कार्य-प्रणाली में निम्नलिखित भागों का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है

  • मुख्य सूचना सम्प्रेषक,
  • दूरभाष व मॉडम,
  • क्षेत्रीय नेटवर्क अथवा वृहत् क्षेत्रीय नेटवर्क,
  • उपग्रह सम्प्रेषण,

(4) केबिल नेटवर्क। 

वर्तमान समय में इण्टरनेट का नया स्वरूप ‘नेटऑनड केबिल’ के रूप में उजागर हुआ है। इसमें कम्पनियाँ ऑप्टिकल केविल का जाल बिछाकर घरों में टी०वी० पर इण्टरनेट पेश कर रही हैं। इण्टरनेट के उपयोग के लिए ‘इण्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर’ का सदस्य बनना होता है। भारतीय परिप्रेक्ष्य में केन्द्र सरकार का संस्थान BSNL इस कार्य को अत्यन्त आवश्यक होता है मानहारिक रूप प्रदान कर रहा है 


Bcom 1st year Modern Means of Communication notes

Bcom 1st year meaning of e-commerce

Bcom 1st Year business Economics notes

Bcom 1st year communication theory notes

2 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version