DEVELOPMENT OF DRAMA
(नाटक का विकास)
Q. 1. When did drama appear in a significant form ? एक स्थापित विद्या के रूप में नाटक कब प्रकट हुआ?
Ans. After a hundred years of insignificance drama again appears in an important literary form, and the thirty years under review some men of genius, who are also practical experienced men of the theatre, creating a live and significant drama out of the problems of their age. Like the novelists, most of the important dramatists were chiefly concerned with the contemporary social scene, and though, towards the end of the period there are signs of a revival of poetic drama, prose being the normal medium.
लगभग एक शताब्दी तक निष्कासन की अवस्था झेलने के पश्चात् नाटक ने पुनः करवट बदली और वह साहित्य के क्षेत्र में प्रमुख विधा के रूप में आरूढ़ हो गया। तीस वर्षों तक इसका पुनरीक्षण किया जाता रहा और रंगमंच से जुड़े कुछ ख्यातिमान् विद्वानों ने समसामयिक समस्याओं को इस विधा के माध्यम से लोक तक पहुँचाया। उपन्यासकारों के समान ही नाटक से जुड़े लोगों ने अपने समय की सामाजिक विचारधारा को इस माध्यम से सिंचित किया। इस कालखण्ड की समाप्ति पर काव्यात्मक ड्रामा आकार ग्रहण करने लगा यद्यपि गद्य अब भी अभिव्यक्ति का सामान्य माध्यम बना हुआ है।
Q. 2. Discuss the contribution of literary men to the English drama. साहित्यिक विद्वानों के अंग्रेजी नाटक में योगदान की विवेचना कीजिए।
Ans. For more than a century, much had not been contributed by literary men to the English drama and it was left to show to contribute the largest share towards it. Now action was not so important as the discussion of ideas, which are at the bottom of men’s faiths and convictions. Now the theatre afforded an excellent opportunity to the people to escape from themselves and from the drab dullness of their lives. From 1890 to 1920 the pursuit of realism and naturalism had dominated the work of most of the English dramatists, For Synge and Shaw mere realism had no meaning. T.S. Eliot is a giant figure in development of modern drama. His The Family Reunion’ and ‘Murder in the Cathedral are the stepping stone in this direction.
पिछली एक शताब्दी के दौरान साहित्यिक मनीषियों द्वारा नाटक के क्षेत्र में कोई अवदान नहीं किया गया और इसका अधिकांश भाग बर्नार्ड शॉ के द्वारा बनाया-संवारा गया। अब कार्यव्यापार को महत्ता उतनी नहीं रह गई थी जितनी कि वादविवाद की अनिवार्यता हो तत्त्व है जो मानव में गहराई तक जुड़े-बसे रहते हैं। ये ही उसको श्रद्धा व विश्वास को आधार प्रदान करते हैं। रंगमंच के सुधार व उसकी भव्यता ने मानव को नानाविध रूपों में आकर्षित किया जहाँ यह स्वयं को भी भूलकर अलग दुनिया में खो जाता है। यहाँ जीवन की नीरसता पलायन कर जाती है और ऊर्जा ओजस्विता के रूप में मानव में बसने लगती है।
वर्ष 1890 से लेकर 1920 ई० तक के कालखण्ड में वास्तविकता व प्रकृतिवाद के तत्त्वों ने साहित्यिक व्यवसाय में अपनी पकड़ मजबूत कर ली। ऐसा अधिकांशत: अंग्रेजी नाटककारों के बारे में सही है। लेकिन कोरा यथार्थवाद बर्नार्ड शॉ व जे०एम०सिज के लिए बेमानी था। आधुनिक ड्रामे के सृजनहारों में टी० एस० इलियट एक बड़ा नाम है। उसके द्वारा विरचित The Family Reunion’ ‘Murder in the Cathedral” को इस रास्ते में मील का पत्थर कहा जाता है।
Q. 3. Discuss the significance of historical plays, ऐतिहासिक नाटकों की उपादेयता पर विचार कीजिए।
Ans. We find special quality in historical plays. That is people and events that are distant in time. A special development of this has been the retelling of classical stories with a modern application. T.S. Eliot’s last three plays have been based on Greek themes. O’ Neill’s Mourning Becomes Electra’ is the Oresteia of Aeschylus set in nineteenth century America: Sartre’s ‘The Flies’ is part of the same story set in classical time, but with a reference to Paris under German occupation.
ऐतिहासिक नाटकों की अपनी अलग ही श्रृंखला रही है। वे सुदूर समय की घटनाओं और लोगों का विवरण प्रस्तुत करते हैं। इस विधा में एक नया बदलाव यह आया है कि यह आधुनिक नाटक की नए परिप्रेक्ष्य में व्याख्या कर रहा है। टी० एस० इलियट के अंतिम तीन नाटकों का आधार यूनानी भावभूमि रही है। ओ’नील की ‘Morning Becomes Electra’ का आधार एशिलस की त्रयी रही है जो उन्नीसवीं शती के अमेरिका का दिग्दर्शन कराती है। सार्च को कृति The Files’ की कहानी का ताना-बाना भी क्लासिकल ढर्रे पर है लेकिन जर्मन आधिपत्य पर कहानी का कथानक है।
Q. 4. What is the significance of Irish drama in development of this field ? आयरिश ड्रामे का अंग्रेजी नाटक में क्या योगदान रहा है?
Ans. It seems that if we are to have poetic drama, it is more likely to come from poets learning how to write plays than from skilful prose dramatists learning how to write poetry. The Irish revival led to a study of the old Gaelic and produced many novels, essays, and poems. But the drama has been its favourite form of expression. Its two chief dramatists have been W.B. Yeats and John Synge. The plays of Synge tell of Irish peasants and are based on Synge’s experience on the Aran Islands. They are written in prose which use the native idiom and rhythm, with a singular beauty.
ऐसा प्रतीत होता है कि हम काव्यगत नाटक के करीब होते जा रहे हैं। यह नाकारों की अपेक्षा कवियों की कलम से निकली रचना अधिक प्रतीत होती है। आयरलैण्ड में पुनर्जागरण ने पुराने यूरोपीय ग्रन्थों का अध्ययन किया और अनेक नाटकों, निबन्धों व कविताओं का सृजन किया। लेकिन इन सब विधाओं के बीच ड्रामे को सर्वाधिक लोकप्रियता प्राप्त हुई। यह संप्रेषण का प्रमुख उपागम बना। डब्ल्यू०बी० यीट्स व जॉन सिज इसके प्रमुख रचनाकारों में हुए। सिज के नाटकों में आयरलैण्ड के ग्रामीण अंचल की सुषमा प्रकट होती है और इनका कथ्य सिज के अपने निजी अनुभवों पर आधारित है जो उसने एरन द्वीपों का किया था। ये गद्य में लिखी गयी रचनाएँ है जो स्थानीय बोली और मुहावरों का प्रयोग करती है।
Q. 5. Do you agree that modern drama differs a lot from old drama? क्या आप इस तथ्य से सहमति प्रकट करते हैं कि आधुनिक नाटक में प्राचीन नाटक
के सापेक्ष काफी बदलाव आया है?
Ans. Radio drama is arranged for broadcasting. It is written not only for people of higher taste but for millions of ordinary listeners. Dyian Thomas’s ‘Under Milk Wood’ first broadeast in January 1954 The broadcast was an exciting experience. The Modern Drama differs from Old Drama not only in the motive or the spirit behind it but also in technique. The modern drama is marked by little movement but more talk. Modern dramatists are very fond of employing the device of symbolism. To them suggestiveness is the keynote of the dramatic art. Inward conflict is substituted for the outward conflict in modern drama. Today the stage directions are elaborate as compared to Shakespeare’s. Growing interest evinced by the people in the cinema has greatly influenced the device of the elaborate stage directions in the modern plays.
रेडियो ड्रामे की शुरुआत प्रसारण के उद्देश्य से की गयी। यह केवल साहित्यिक रुझान के लोगों के लिए ही नहीं लिखा गया अपितु लाखों उन लोगों के लिए भी था जो रेडियो सुनने वालों में शामिल होते हैं। डायलेन थॉमस की कृति ‘Under Milk Wood’ का रेडियो प्रसारण सर्वप्रथम जनवरी 1954 में किया गया। इसके प्रथम प्रसारण से एक विशिष्ट अनुभूति हुई। आधुनिक नाटक प्राचीन नाटक से उद्देश्य या कलेवर में ही भिन्नता नहीं रखता है अपितु तकनीकी क्षेत्र में भी इसमें आमूलचूल परिवर्तन दिखाई देता है। आधुनिक नाटक मंचन के दौरान पात्रों का आवागमन तो कम होता है लेकिन उनके बीच संवाद लगातार होता रहता है। आधुनिक नाटककारों को प्रतीकों से विशेष लगाव रहा है। सांकेतिकता इनके लिए नाटक का विशिष्ट गुण है। आधुनिक ड्रामे में आंतरिक द्वन्द्व को बाहरी द्वन्द्व में परिवर्तित कर दिया गया है। आज के समय में रंगमंच की विधा शेक्सपीयरकालीन विधा से अधिक मुखर हो चुकी है। सिनेमा जगत ने भी रंगमंच की विधा में परिवर्तन लाने का कार्य किया है। यही बदलाव आधुनिक नाटक में दिखाई देने लगा है।