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Channels of Distribution Meaning in Hindi

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वितरण माध्यम या वितरण वाहिकाओं का अर्थ (Channels of Channels of Distribution Meaning in Hindi)

वितरण वाहिका से आशय ऐसे वितरण माध्यमों से है जिनके द्वारा वस्तुएँ उत्पादक या निर्माता के हाथ से निकलकर अन्तिम उपभोक्ता या प्रयोगकर्ता के पास तक पहुँचती हैं। दूसरे शब्दों में, वितरण माध्यम वस्तुओं के स्वामित्व हस्तान्तरण का मार्ग है और इसमें केवल उन्हीं संस्थाओं को शामिल किया जाता है जो वस्तुओं के स्वामित्व हस्तान्तरण में सहयोग करती हैं तथा बिना कोई परिवर्तन किये वस्तुओं को अन्तिम उपभोक्ताओं या औद्योगिक उपयोगकर्ताओं तक पहुँचाती हैं। Channels of Distribution Meaning in Hindi

वितरण वाहिकाओं के प्रकार (Types of Channels of Distribution)

उपभोक्ता वस्तुओं के लिए निर्माता निम्नलिखित वितरण वाहिकाओं में से किसी को भी प्रयोग कर सकता है-

(1) कोई भी निर्माता अपने द्वारा निर्मित वस्तु को अपने उपभोक्ताओं को प्रत्यक्ष रूप से पहुँचा सकता है अर्थात् वह इस कार्य के लिए मध्यस्थों का सहारा नहीं लेता है, जैसे–वह स्वयं फुटकर दुकानें या श्रृंखलाबद्ध दुकानें खोलकर अपने विक्रय प्रतिनिधि नियुक्त कर सकता है या उपभोक्ताओं से डाक द्वारा आदेश प्राप्त करके उनकी पूर्ति कर सकता है।

निर्माता → उपभोक्ता। (Producer → Consumer)

(2) निर्माता अपनी वस्तु को उपभोक्ता तक पहुँचाने के लिए एक मध्यस्थ का सहारा ले सकता है जो फुटकर व्यापारी या एजेण्ट हो सकता है।

निर्माता → फुटकर व्यापारी या एजेण्ट → उपभोक्ता (Producer → Retailer or Agent→ Consumer)

(3) निर्माता अपनी वस्तु को उपभोक्ता या प्रयोगकर्ता तक पहुँचाने के लिए दो मध्यस्थों की सहायता प्राप्त कर सकता है। ये मध्यस्थ प्रायः थोक व्यापारी एवं फुटकर व्यापारी होते हैं। ऐसी वितरण वाहिका का उपयोग प्रायः उस अवस्था में किया जाता है जबकि उत्पादकों की संख्या अधिक हो या उपभोक्ता दूर-दूर तक बिखरे हुए हों और वस्तु को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में क्रय करते हों।

निर्माता → थोक व्यापारी → फुटकर व्यापारी → व्यापारीउपभोक्ता (Producer→Wholesaler→Retailer→Consumer)

(4) निर्माता अपनी वस्तु को उपभोक्ता तक पहुँचाने के लिये तीन प्रकार के मध्यस्थों का सहारा ले सकता है-

निर्माता → एजेण्ट → थोक व्यापारी फुटकर व्यापारी → उपभोक्ता (Producer→Agent→Wholesaler→Retailer→Consumer)

(5) निर्माता अपनी वस्तु को उपभोक्ताओं तक पहुँचाने के लिए विक्रय संघों को सहायता भी ले सकते हैं। ऐसी स्थिति में वितरण वाहिका के निम्नलिखित दो प्रारूप हो सकते हैं

(i) निर्माता- →विक्रय संघ→उपभोक्ता (Producer→Selling Association→Consumer)

(ii) निर्माता- विक्रय संघ→फुटकर व्यापारी→उपभोक्ता (Producer→Selling Association →Retailer→Consumer)


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