Thursday, November 21, 2024
HomeBsc 2nd year notesWhat is Hook Law Notes

What is Hook Law Notes

What is Hook Law Notes

हुक का नियम (Hooke’s Law)-

हुक के नियम के आधार पर किसी आण्विक कम्पन के लिये उसकी कम्पन-आवृत्ति की गणना की जा सकती है और यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कोई कम्पन किस क्षेत्र में होगा।

हुक के नियम के व्युत्पत्ति किसी बंध को एक स्प्रिंग के समतुल्य मानते हुए स्प्रिंग की गति पर आधारित है। यदि किसी स्प्रिंग (बंध) से m1, व m2, द्रव्यमान के दो परमाणु जुड़े हुए हों तो ऐसे निकाय की कम्पन आवृत्ति (cm-1 ‘में) बंध के बल नियतांक (k) के वर्गमूल के समानुपाती होती है। बल नियतांक, बंध-प्रबलता के अनुसार बदलता रहता है। किसी बंध विशेष के लिये बल नियतांक का मान लाक्षणिक होता है। अन्य स्थिरांकों के समान यह भी एक स्थिराक होता है। बल नियतांक (R) को दृढ़ता अर्थात् स्प्रिंग की प्रबलता से सम्बन्धित माना जा सकता है। कम्पन आवृत्ति निकाय के समानीत द्रव्यमान के वर्गमूल के भी अनुक्रमानुपाती होती है। समानीत द्रव्यमान जितना अधिक होगा अवशोषण की आवृत्ति उतनी ही अधिक होगी। अतः यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि किसी रासायनिक बंध की प्रकृति और उसके अवरक्त अवशोषण आवृत्ति । में निकट सम्बन्ध होता है अर्थात् बंध जितना प्रबल होता है उसके तनन के लिये उतनी ही अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। चूँकि तरंग संख्या के समानुपाती होती है इसिलये प्रबल बंध के लिये अवशोषण तरंग संख्या का मान अधिक होगा

हुक के नियम का गणितीय समीकरण निम्नलिखित है

What is Hook Law Notes

More bsc notes

Bsc 2nd year hook law long question

Admin
Adminhttps://dreamlife24.com
Karan Saini Content Writer & SEO AnalystI am a skilled content writer and SEO analyst with a passion for crafting engaging, high-quality content that drives organic traffic. With expertise in SEO strategies and data-driven analysis, I ensure content performs optimally in search rankings, helping businesses grow their online presence.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments