BCOM 3RD YEAR FINANCIAL MANAGEMENT NOTES

BCOM 3RD YEAR FINANCIAL MANAGEMENT NOTES Download and learn easily Bcom with dreamlife24.com:-We are presenting you to this subjects notes, bcom pdf Management Accounting, E-Commerce, Economics Laws, Principle of marketing, Auditing, Corporate Accounting, Public Finance, Fundamental of Enterperneurship, Income tax, Principal of Business Management, Cost Accounting, Company Law, Business Environment, Business Economics, Business regulatory Framework, … Read more

Bcom 3rd Year Management of Cash notes

Bcom 3rd Year Management of Cash notes रोकड़ प्रबन्ध Management of Cash रोकड़, चालू सम्पत्तियों का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण घटक है। रोकड़ का व्यापार में वही स्थान है जो मानव शरीर में रक्त का होता है। रोकड़ एक गैर-अर्जन (Non-earning) वाली चालू सम्पत्ति होती है, अत: आवश्यकता से अधिक रोकड़ जो कि व्यापार में निष्क्रिय पड़ी … Read more

Management of Cash Receivables and Inventory

Management of Cash Receivables and Inventory रोकड़ प्रबन्ध Management of Cash रोकड़, चालू सम्पत्तियों का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण घटक है। रोकड़ का व्यापार में वही स्थान है जो मानव शरीर में रक्त का होता है। रोकड़ एक गैर-अर्जन (Non-earning) वाली चालू सम्पत्ति होती है, अत: आवश्यकता से अधिक रोकड़ जो कि व्यापार में निष्क्रिय पड़ी है … Read more

FINANCIAL MANAGEMENT NOTES IN HINDI & BOOK PDF

FINANCIAL MANAGEMENT NOTES IN HINDI PDF FINANCIAL MANAGEMENT NOTES IN HINDI PDF- Download and learn easily Bcom with dreamlife24.com:-We are presenting you to Financial management notes in hindi pdf. bcom 1st 2nd 3rd year pdf notes free available. This notes special for CCS University (CHAUDHARY CHARAN SINGH UNIVERSITY, MEERUT) CHAPTER WISE CHAPTER 1 वित्तीय प्रबन्ध-एक … Read more

Bcom 3rd Year Management of Receivables

Bcom 3rd Year Management of Receivables प्राप्यों का अर्थ वर्ष के अन्त तक उधार विक्रय की न वसूल की गई राशि ‘प्राप्य’ कहलाती है जिसमें मुख्यतः देनदारों (Debtors) एवं प्राप्य बिलों (Bills Receivables) को सम्मिलित किया जाता है। इन प्राप्यों का व्यवसाय की चालू सम्पत्तियों में महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। सामान्यतया कुल चालू सम्पत्तियों में … Read more

Management of Working Capital

Management of Working Capital कार्यशील पूँजी का प्रबन्ध प्रत्येक व्यवसाय के सफल संचालन हेतु दो प्रकार की पूँजी की आवश्यकता होती है-स्थायी पूँजी एवं कार्यशील पूँजी । व्यवसाय की स्थायी वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जैसे-भूमि, भवन, संयन्त्र, आदि पर विनियोजित की जाने वाली पूँजी को स्थायी पूँजी तथा कच्चे माल के क्रय, कर्मचारियों … Read more

Meaning of Capitalisation in Financial Management

Meaning of Capitalisation in Financial Management पूँजीकरण का अर्थ एवं परिभाषाएँ ) सरल शब्दों में, पूँजीकरण का अर्थ व्यवसाय के लिए आवश्यक पूँजी की मात्रा निर्धारित करने की क्रिया से है। परम्परागत विचारकों के अनुसार, पूँजीकरण के अन्तर्गत अंश-पूँजी, स्वामित्व कोष एवं अधिशेष तथा दीर्घकालीन ऋण अर्थात् केवल दीर्घकालीन पूँजी को ही शामिल किया जाता … Read more

Bcom 3rd Year Dividend Policy

Bcom 3rd Year Dividend Policy लाभांश नीति लाभांश नीति की विवेचना करने से पूर्व लाभांश को समझना आवश्यक है। लाभांश (Dividend)-लाभांश कम्पनी के लाभों का वह भाग है जो अंशधारियों में वितरित किया जाता है, परन्तु कम्पनी द्वारा तब तक लाभांश घोषित नहीं किया जा सकता जब तक (i) कम्पनी में पर्याप्त लाभ न हो, … Read more

Bcom 3rd Year Dividend Policy pdf

Bcom 3rd Year Dividend Policy pdf लाभांश नीति लाभांश नीति की विवेचना करने से पूर्व लाभांश को समझना आवश्यक है। लाभांश (Dividend)-लाभांश कम्पनी के लाभों का वह भाग है जो अंशधारियों में वितरित किया जाता है, परन्तु कम्पनी द्वारा तब तक लाभांश घोषित नहीं किया जा सकता जब तक (i) कम्पनी में पर्याप्त लाभ न … Read more

Bcom 3rd year Leverage

Bcom 3rd year Leverage Notes उत्तोलक (लीवरेज) का अर्थ एवं परिभाषा उत्तोलक (लीवरेज) शब्द यान्त्रिकी विज्ञान से लिया गया है। यह उत्तोलन (Lever) की क्रिया के कारण प्राप्त यान्त्रिक लाभ और प्रभावोत्पादकता को बतलाता है। उत्तोलन से आशय ऐसी स्थिति से है जिसमें कम बल लगाकर अधिक से अधिक वजन उठाया जा सकता है या … Read more