Meaning of Poverty Notes in hindi

Meaning of Poverty Notes गरीबी या निर्धनता से आशय  निर्धनता का अर्थ उस सामाजिक प्रक्रिया से लगाया जाता है जिसमें समाज का एक बहुत बड़ा भाग अपन जावन का मूलभूत आवश्यकताओं को भी परा नहीं कर पाता। जब समाज का एक बहुत बड़ा भाग न्यूनतम जीवन-स्तर से वंचित रहता है और केवल निर्वाह-स्तर पर ही … Read more

Meaning and Definition of Business Environment Notes

Meaning and Definition of Business Environment Notes  व्यावसायिक पर्यावरण का अर्थ एवं परिभाषा  किसी व्यवसाय का जीवन तथा अस्तित्व इस बात पर निर्भर करता है कि व्यवसाय अपने भौतिक साधनों, वित्तीय साधनों तथा अन्य क्षमताओं का उद्यम के अनुरूप किस प्रकार समायोजन करता है। किसी व्यावसायिक संस्था को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप में प्रभावित करने … Read more

New Five Yearly policy 2015-2020 Notes

New Five Yearly policy (2015&2020) नवीन पंचवर्षीय विदेश व्यापार नीति सरकार ने 1 अप्रैल, 2015 को विदेश व्यापार नीति (2015-20) की घोषणा की।  नई विदेश व्यापार नीति में निर्यातकों को मिलने वाले इन्सेंटिव में कई परिवर्तन किए गए हैं। वहीं ‘मेक इन इण्डिया’ कार्यक्रम को प्रोत्साहित करने के लिए एक्सपोर्ट प्रमोशन कैपिटल गुड्स स्कीम (ईपीसीजी) के … Read more

Balance of Trade

Meaning and Definition of Balance of Trade व्यापार-सन्तुलन का अर्थ एवं परिभाषा  सामान्य शब्दों में, व्यापार-सन्तुलन से आशय सम्बन्धित देशों के आयात और निर्यात के अन्तर से है। यदि एक देश में आयात अधिक तथा निर्यात कम हैं तो उसका व्यापार-सन्तुलन प्रतिकूल (Unfavourable) कहा जाता है। इसकी विपरीत स्थिति में व्यापार-सन्तुलन अनुकूल (Favourable) कहा जाता … Read more

Meaning of Social Injustice Notes

Meaning of Social Injustice notes सामाजिक अन्याय से आशय  किसी राष्ट्र के आर्थिक विकास में सबसे बड़ी बाधा ‘सामाजिक अन्याय’ है। अब यह समस्या – अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की हो चुकी है। शायद ही कोई ऐसा राष्ट्र होगा जिसमें कुछ-न-कुछ मात्रा में सामाजिक अन्याय न होता हो। विभिन्न अध्ययन यह बताते हैं कि विकसित देशों की तुलना … Read more

Regional Imbalance in India Notes

Regional Imbalance in India Notes भारत में क्षेत्रीय असन्तुलन  भारत के कुछ क्षेत्र-विशेष के राज्यों का त्वरित गति से विकास हुआ है। इसके विपरीत, कुछ राज्य विकास में अत्यधिक पिछड़े हुए हैं। स्वतन्त्रता प्राप्ति के पाँच दशक बीत जाने के बाद भी क्षेत्रीय असन्तुलन बना हुआ है। यदि किसी देश में तुलनात्मक रूप से अधिक … Read more