कुल्लू दशहरा 2024 – इस साल कुल्लू दशहरा महोत्सव, जो 13 से 19 अक्तूबर 2024 के बीच मनाया जाएगा, बेहद खास होने वाला है। इस बार पहली बार हिमाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक झलक भी दिखाई देगी। इस आयोजन में देश-विदेश के कलाकार अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से महोत्सव की रौनक बढ़ाएंगे।
सांस्कृतिक आकर्षण
इस बार कुल्लू दशहरा का मुख्य आकर्षण अंतरराष्ट्रीय नृत्य महोत्सव होगा। इसमें जहां हिमाचल के पारंपरिक लोकनृत्य देखने को मिलेंगे, वहीं विभिन्न देशों के कलाकार भी अपनी-अपनी संस्कृतियों का प्रदर्शन करेंगे। इस सांस्कृतिक सम्मिश्रण से संगीत और नृत्य की विविधता नजर आएगी, जिससे दर्शकों को एक अनूठा अनुभव मिलेगा।
ऐतिहासिक महत्व और परंपराएं
कुल्लू दशहरा का आरंभ 17वीं शताब्दी में हुआ था, और इसका गहरा ऐतिहासिक महत्व है। यह उत्सव कुल्लू को “देवभूमि” के रूप में भी विशेष स्थान देता है, जहां 365 देवी-देवताओं का निवास माना जाता है। इस साल 332 देवी-देवताओं को उत्सव में शामिल होने के लिए आमंत्रण भेजे जा चुके हैं, जो कुल्लू दशहरा की परंपरा का मुख्य हिस्सा हैं। पारंपरिक रथ यात्रा, जो इस उत्सव का मुख्य आकर्षण है, भी आयोजित की जाएगी।
व्यापार मेला और प्रदर्शनी
कुल्लू दशहरा का एक और प्रमुख आकर्षण व्यापारिक मेला है, जहां हस्तशिल्प, ऊनी वस्त्र और अन्य स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। यह मेला दिवाली तक चलेगा, जिसमें पर्यटक विभिन्न प्रकार की अद्वितीय वस्तुएं खरीद सकेंगे। इसके साथ ही, ऑटो मेला, कला प्रदर्शन और हस्तशिल्प के स्टॉल भी आयोजन की शान बढ़ाएंगे।
निष्कर्ष
कुल्लू दशहरा 2024 एक ऐसा मंच बनेगा जहां सांस्कृतिक विविधता, परंपरा और व्यापार का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। यह महोत्सव न केवल हिमाचल प्रदेश की परंपराओं को प्रस्तुत करेगा बल्कि वैश्विक संस्कृतियों के प्रति जागरूकता और सराहना को भी बढ़ावा देगा, जिससे यह आयोजन पहले से अधिक भव्य और आकर्षक बन जाएगा।
Read more: Vikas Divyakirti World Geography Notes PDF in Hindi Free Download Study Material