Monday, December 30, 2024

Meaning of Free Consent

स्वतन्त्र सहमति का अर्थ  (Meaning of Free Consent)

भारतीय संविदा अधिनियम के अनुसार, वैध संविदा होने के लिए यह आवश्यक है कि पक्षों की स्वतन्त्र सहमति हो। धारा 10 के अनुसार, “वे सभी समझौते जो संविदा के योग्य पक्षकारों की स्वतन्त्र सहमति से किए गए हों .”। 

अतः अधिनियम में पक्षकारों की स्वतन्त्र सहमति’ होनी आवश्यक है। पक्षों की स्वतन्त्र सहमति तब कहलाती है जब दो व्यक्ति एक बात पर एक ही अर्थ में राजी हो जाते हैं, तब कहा जाता है कि उन्होंने सहमति दी है। सहमति तब स्वतन्त्र मानी जाती है जब वह उत्पीड़न (Coercion), अनुचित प्रभाव (Undue Influence), कपट (Fraud), मिथ्यावर्णन (Misrepresentation) अथवा गलती (Mistake) के कारण न दी गई हो । …….

प्रश्न 5 – प्रस्ताव एवं स्वीकृति पर टिप्पणी लिखिए।

Write a note on Proposal and Acceptance.

किसी समझौते के लिए प्रस्ताव (Proposal) तथा उसकी स्वीकृति (Acceptance) होनी आवश्यक है। धारा 2 (a) के अनुसार, जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से किसी कार्य को करने अथवा न करने के विषय में अपनी इच्छा को इस आशय से प्रकट करे कि दूसरा व्यक्ति उसके कार्य को करने अथवा न करने के लिए अपनी सहमति प्रदान करे तो इस इच्छा को प्रस्ताव कहते हैं। प्रस्ताव रखने वाले को वचनदाता या प्रस्तावक कहा जाता है, जबकि जिसके समक्ष प्रस्ताव रखा जाता है उसे वचनगृहीता कहते हैं। किसी भी समझौते को वैधानिक रूप (संविदा) देने के लिए आवश्यक है कि एक पक्ष द्वारा प्रस्ताव किया जाए जिसकी स्वीकृति दूसरा पक्ष (वचनगृहीता) दे। स्वीकृति से तात्पर्य प्रस्ताव की शर्तरहित स्वीकृति से है। जब वह व्यक्ति जिससे प्रस्ताव किया गया है प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे देता है तब प्रस्ताव स्वीकृत किया हुआ माना जाता है। स्वीकार किया हुआ प्रस्ताव वचन या समझौता कहलाता है। धारा 2 (b) के अनुसार, “जब वह व्यक्ति जिसके समक्ष प्रस्ताव रखा गया हो, अपनी सहमति दे देता है तो कहेंगे कि प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया।”

Become an Agent

एजेन्ट कोई भी व्यक्ति हो सकता है। एजेन्ट बनने के लिए अनुबन्ध करने की क्षमता होना आवश्यक नहीं है क्योंकि तृतीय पक्षकारों के प्रति एजेन्ट के द्वारा किए गए कार्यों के लिए प्रधान (नियोक्ता) स्वयं उत्तरदायी होता है। इसलिए एक अवयस्क अथवा अस्वस्थ मस्तिष्क वाला व्यक्ति भी एजेन्ट बन सकता है, परन्तु ऐसा व्यक्ति नियोक्ता के प्रति अपने कार्यों के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता। दूसरे शब्दों में, एजेन्ट को नियोक्ता के प्रति उत्तरदायी ठहराने के लिए आवश्यक है कि वह वयस्क हो तथा स्वस्थ मस्तिष्क वाला हो। 

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Karan Saini Content Writer & SEO AnalystI am a skilled content writer and SEO analyst with a passion for crafting engaging, high-quality content that drives organic traffic. With expertise in SEO strategies and data-driven analysis, I ensure content performs optimally in search rankings, helping businesses grow their online presence.
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