Meaning of Industrial Licensing Policy
औद्योगिक लाइसेन्सिंग नीति का आशय
सरकार द्वारा किसी औद्योगिक इकाई को दी गई लिखित अनुमति को ‘लाइसेन्स’ (Licence) कहा जाता है, जिसमें उद्योग के स्थान, उत्पादित वस्तु की मात्रा आदि का पूर्ण विवरण होता है। भारत में औद्योगिक नीति के प्रस्ताव को मूर्त रूप देने के लिए औद्योगिक लाइसेन्सिंग प्रणाली को अपनाया गया।
‘औद्योगिक ( विकास तथा नियमन) अधिनियम, 1951′ के अनुसार, “लाइसेन्स किसी औद्योगिक उपक्रम को केन्द्रीय सरकार द्वारा दी गई वह लिखित आज्ञा है जिसके अनुसार वह उपक्रम ‘औद्योगिक (विकास व नियमन) अधिनियम’ की प्रथम अनुसूची में निर्दिष्ट वस्तुओं का उत्पादन या निर्माण कर सकता है। “
इस प्रकार देश की अर्थव्यवस्था के विकास के लिए औद्योगिक लाइसेन्सिंग नीति एक महत्त्वपूर्ण उपकरण का कार्य करती है। यह नीति किसी उद्योग को देश की सामाजिक तथा आर्थिक प्राथमिकताओं के अनुसार दिशा प्रदान करती है।
औद्योगिक लाइसेन्सिंग नीति के उद्देश्य (Objectives of Industrial Licensing Policy)
औद्योगिक लाइसेन्सिंग नीति के निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण उद्देश्य हैं-
(1)सरकारी नीतियों को सफल बनाने में सहयोग देना।
(2)उत्पादन में निरन्तर वृद्धि एवं आत्मनिर्भरता को प्राप्त करना ।
(3)उद्योगों के लिए नवीनतम तकनीक एवं उत्पादन विधियों को प्रोत्साहित करना । प्रेरित करना ।
(4)दुर्लभ विदेशी विनिमय साधनों का अनुकूलतम उपयोग करना।
(5)विनियोजकों को राष्ट्रीय प्राथमिकता के अनुसार उद्योगों का विकास करने के लिए करना।
(6)एकाधिकारी प्रवृत्तियों को नियन्त्रित कर विकेन्द्रीकरण को बढ़ावा देना।
(7)देश की औद्योगिक नीति के क्रियान्वयन में सहायता प्रदान करना।
(8) नियोजन की प्राथमिकताओं के अनुसार देश के औद्योगिक विकास को दिशा प्रदान
(9) उद्योगों के स्थानीकरण को रोककर प्रादेशिक विषमताओं को दूर करना ।
(10) लघु एवं वृहद् स्तरीय उद्योगों में अनावश्यक प्रतिस्पर्द्धा को रोकना तथा लघु उद्योगों को संरक्षण देना।