Thursday, November 21, 2024
HomeBcom 1st year notesBusiness Regulatory Framework in Hindi Pdf Notes

Business Regulatory Framework in Hindi Pdf Notes

Business regulatory Framework in Hindi pdf notes

Download and learn easily Bcom with dreamlife24.com:-We are presenting you to this subjects notes Business regulatory Framework in Hindi pdf notes, bcom pdf Management Accounting, Bcom 1st Year Business regulatory Framework pdf notes E-Commerce, Economics Laws, Principle of marketing, Business regulatory Framework in Hindi pdf notes Auditing, Corporate Accounting, Business regulatory Framework in Hindi pdf notes Public Finance, Fundamental of Enterperneurship, Income tax, Principal of Business Management, Business regulatory Framework in Hindi pdf notes Cost Accounting, Company Law,

Business Environment, Business Economics, Business regulatory Framework, Financial Accounting, Business Statistics, Business communication, money and financial notes,Business regulatory Framework in Hindi pdf notes, bcom math pdf notes, management accounting notes, Business regulatory Framework in Hindi pdf notes, macro economics notes, banking and insurance notes and other noes bcom 1st 2nd 3rd year pdf notes free available. This notes special for CCS University (CHAUDHARY CHARAN SINGH UNIVERSITY, MEERUT)

Business regulatory Framework in Hindi pdf notes

Topic Wise

Business Regulatory Framework in Hindi Meaning


Define Consent

भारतीय संविदा अधिनियम के अनुसार वैध संविदा होने के लिए यह आवश्यक है कि पक्षों की स्वतन्त्र सहमति हो। धारा 10 के अनुसार, “वे सभी समझौते जो संविदा के योग्य पक्षकारों की स्वतन्त्र सहमति से किए गए हों”। अत: अधिनियम में ‘पक्षकारों की स्वतन्त्र सहमति’ होनी आवश्यक है। पक्षों की स्वतन्त्र सहमति तब कहलाती है जब दो व्यक्ति एक बात पर एक ही अर्थ में राजी हो जाते हैं।

तब कहा जाता है कि उन्होंने सहमति दी है। सहमति तब स्वतन्त्र मानी जाती है तब वह उत्पीड़न, अनुचित प्रभाव (Undue Influence), कपट (Fraud), मिथ्यावर्णन (Misrepresentation) अथवा गलता (Mistake) के कारण न दी गई हो। उदाहरणार्थ-यदि ‘अ’, ‘ब’ के समक्ष 500 में अपनी गाय बेचने का प्रस्ताव रखे और ‘ब’ उस प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति दे दे तो यह समझाता। 

इसके विपरीत यदि ‘अ’ छुरा दिखाकर ‘ब’ से अपनी गाय ₹ 600 में लेने के मा सहमति ले ले तो इसे ‘ब’ की स्वतन्त्र सहमति नहीं कहेंगे। धारा 13 तथा 14 के अन्तर्गत सहमति का अर्थ दिया गया है। धारा 13 के अनुसार, “दो या दो से अधिक व्यक्तियों द्वारा दी हई सहमति तब मानी जाती है, जबकि वे एक ही बात पर एक अर्थ में समहमत हो गए हों।’ इंस सम्बन्ध में Raffles Vs. Wichellhaus (1864) का निर्णय महत्त्वपूर्ण है जिसके अन्तर्गत यह माना गया है कि दोनों व्यक्तियों की एक ही बात पर सहमति आवश्यक है। Business regulatory Framework in Hindi pdf notes

इस सम्बन्ध में Sarat Chandra Vs. Kanai Lal (1921) का निर्णय भी महत्त्वपूर्ण । जिसमें भिन्न-भिन्न भाव से व्यक्तियों की सहमति उचित नहीं मानी गई। उदाहरणार्थ- अ ‘ब’ से 100 गाँठे रुई, जो कि मुम्बई से “पीअरलैस’ नाम के जहाज द्वारा आने को थीं। खरीदने के लिए सहमत हो जाता है।

“पीअरलैस’ नाम के दो जहाज मुम्बई से आने वाले थे। ‘अ’ क अभिप्राय उस जहाज से था जो अक्टूबर में आने वाला था, जबकि ‘ब’ का अभिप्राय दूस जहाज से था जोकि दिसम्बर में आने वाला था। ऐसी दशा में उन दोनों में कोई अनुबन्ध नहीं हुआ क्योंकि दोनों पक्षकार एक ही बात पर एक ही भाव से सहमत नहीं हुए। एक अन्य उदाहरण को लेते हुए ‘अ’ मिथ्यावर्णन करके ‘ब’ से एक प्रपत्र पर हस्ताक्षर करा लेता है।

‘ब का अभिप्राय केवल साक्षी के रूप में एक हस्ताक्षर करना था, जबकि ‘अ’ ने उससे एक पक्षकार के रूप में हस्ताक्षर कराए थे। ऐसी दशा में भी सहमति नहीं कह सकते, क्योंकि दोनों पक्षकार एक ही बात पर भिन्न-भिन्न भाव से सहमत होते हैं।  Business regulatory Framework in Hindi pdf notes

धारा 14 के अनुसार स्वतन्त्र सहमति उस दशा में समझी जाएगी, जबकि वह (i) उत्पीड़न, (ii) अनुचित प्रभाव, (iii) कपट, मिथ्यावर्णन या गलती से प्रदान न की गई हो। यदि किसी पक्ष ने अपनी सहमति इन कारणों से प्रभावित होकर दी हो तो उसकी सहमति स्वतन्त्र नहीं मानी जाएगी। उदाहरणार्थ-यदि ‘अ’ छुरा दिखाकर ‘ब’ से एक चैक पर ₹ 10,000 के भुगतान के लिए हस्ताक्षर करा ले तो ऐसी स्थिति में ‘ब’ द्वारा चैक पर किए गए 

वैधानिक पर प्रभाव (Effect on validity)-

ठहराव में ‘सहमति’ न होने की दशः में वह अर्थ (void) होता है, परन्तु यदि सहमति तो हो, लेकिन स्वतन्त्र सहमति’ (Free consent) न हो तो जिस पक्ष की सहमति स्वतन्त्र नहीं है उसकी इच्छा पर ठहराव व्यर्थनीर (voidable) होता है। 

प्रस्ताव का अर्थ एवं परिभाषा 

(Meaning and Definition of Proposal)

किसी समझौते के लिए प्रस्ताव (Proposal) तथा उसकी स्वीकृति (झोनी आवश्यक है। धारा 2 (a) के अनुसार, जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति कार्य को करने अथवा न करने के विषय में अपनी इच्छा को इस आशय से प्रकट को व्यक्ति उसके कार्य को करने अथवा न करने के लिए अपनी सहमति प्रदान करे तो हम को प्रस्ताव कहते हैं। प्रस्ताव रखने वाले को वचनदाता या प्रस्तावक कहा जाता है । Business regulatory Framework in Hindi pdf notes

जिसके समक्ष प्रस्ताव रखा जाता है उसे वचनगृहीता कहते हैं। उदाहरणार्थ- ‘क’ र यह कहे कि वह 10 क्विटल गेहूँ ,175 प्रति क्विटल के हिसाब से बेचने के लिए तैयार कर कहेंगे कि ‘क’ ने ‘ख’ के समक्ष बेचने का प्रस्ताव रखा। इसी प्रकार ‘अ’, ‘ब’ से कहता के यदि ‘ब’ उसे ₹ 500 दे दे तो वह ₹ 700 का दावा न करे। यहाँ पर ‘अ’, ‘ब’ से दावा करने रुकने का प्रस्ताव रखता है।  Business regulatory Framework in Hindi pdf notes

प्रस्ताव के मुख्य लक्षण

(Main Characteristics of a Proposal)-

प्रस्ताव में निम्नलिखित लक्षण होने चाहिए 

1. दोनों पक्षों का होना (Existing of two Parties)—प्रस्ताव के लिए दो पक्ष होने चाहिए एक वचनदाता और दूसरा वचनगृहीता, कोई भी व्यक्ति अपने आप प्रस्ताव नहीं कर सकता। 

2. प्रस्ताव का सकारात्मक अथवा नकारात्मक रूप (Positive or Negative  Proposal)-प्रस्तावक द्वारा किसी कार्य को करने या उससे विरत रहने की तत्परता अथवा इच्छा प्रकट की जाती है। इस प्रकार से प्रस्ताव किसी कार्य को करने (Positive) अथवा उसे न करने (Negative) से सम्बन्धित होता है। उदाहरणार्थ-यदि ‘हवाई प्रकाशन -40,00,000 में अपना कारोबार ‘चित्रा प्रकाशन’ को बेचने के लिए तैयार हो तो यह किसा कार्य को करने के सम्बन्ध में सकारात्मक प्रस्ताव कहलाएगा। इसके विपरीत, यदि हवाई प्रकाशन’  50,000 देकर ‘चित्रा प्रकाशन’ से कहे कि वह दो वर्ष तक उसके विरुद्ध प्रतियोग व्यापार न खोले तो इसे हम किसी कार्य को न करने के सम्बन्ध में नकारात्मक प्रस्ताव कहेंगे।। 

read more

Admin
Adminhttps://dreamlife24.com
Karan Saini Content Writer & SEO AnalystI am a skilled content writer and SEO analyst with a passion for crafting engaging, high-quality content that drives organic traffic. With expertise in SEO strategies and data-driven analysis, I ensure content performs optimally in search rankings, helping businesses grow their online presence.
RELATED ARTICLES

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments