Monday, December 30, 2024
Homeba 2nd year notesba 2nd year Description of Indian Society notes

ba 2nd year Description of Indian Society notes

ba 2nd year Description of Indian Society notes

भारतीय समाज का वर्णन 

(Description of Indian Society)

बाबर ने हिन्दुस्तान के समाज के विषय में भी ‘बाबरनामा’ में लिखा है। वह लिखता है-“कृषक एवं निम्न वर्ग के लोग वस्त्रहीन ही घूमते हैं। वे केवल एक ही वस्त्र बाँधते हैं, जिसे वे कमर से नीचे छोटे टुकड़े के रूप में पहनते हैं।” यहाँ जातिवाद उग्र रूप में था। वर्ण-व्यवस्था में वह एक ही लाभ देखता है कि यहाँ श्रमिक तथा कारीगर सरलता से मिल जाते थे। किसी भी काम के लिए लोग हमेशा तैयार रहते थे। इनका धन्धा युगों से वंशानुगत चला आया था। वह लिखता है-“हिन्दुस्तान का एक बहुत बड़ा गुण यह है कि यहाँ हर प्रकार एवं हर कला के जानने वाले असंख्य कारीगर पाए जाते हैं। प्रत्येक कार्य तथा कला के लिए जातियाँ निश्चित हैं जो अपने पिता और पिता के पिता के समय से ही वही कार्य करती चली आ रही हैं। मेरे आगरा, बयाना, धौलपुर, ग्वालियर तथा कोल के भवनों के निर्माण में 1,491 पत्थर काटने वाले रोजाना कार्य करते थे।” 

‘बाबरनामा’ में उस समय के राजसी वस्त्र, उत्सव एवं आमोद-प्रमोद का भी उल्लेख है। उदाहरणस्वरूप, बाबर अपने पिता उमर शेख मिर्जा की कबूतरबाजी तथा अपने चीत क शिकार का सगर्व वर्णन करता है। इसके अतिरिक्त मछलियों एवं पक्षियों का शिकार भा आमोद-प्रमोद का एक प्रमुख साधन था। कलहरा मृग के शिकार की स्थानीय पद्धति का उल्लेख भी ‘बाबरनामा’ में हैं। चौसर, शतरंज, पहलवानों की मल्ल क्रीडा. संगीत एवं मद्यपान आदि को भी मनोरंजन के साधनों में सम्मिलित किया गया है। 

Admin
Adminhttps://dreamlife24.com
Karan Saini Content Writer & SEO AnalystI am a skilled content writer and SEO analyst with a passion for crafting engaging, high-quality content that drives organic traffic. With expertise in SEO strategies and data-driven analysis, I ensure content performs optimally in search rankings, helping businesses grow their online presence.
RELATED ARTICLES

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments