Saturday, December 21, 2024
HomePrinciples of MarketingMeaning and Definition of Packaging

Meaning and Definition of Packaging

Meaning and Definition of Packaging

पैकेजिंग का अर्थ एवं परिभाषा

आज के प्रतिस्पर्धात्मक व्यावसायिक युग में वस्तु को आकर्षक बनाने में पैकेजिंग का महत्वपूर्ण योगदान है। पैकेजिंग वह कला है जिसके द्वारा वस्तु को सुरक्षा प्रदान की जाती है, अपनी वस्तु को अन्य उत्पादकों की वस्तु से भिन्नता प्रदान की जाती है तथा ग्राहकों को आकर्षित किया जाता है। विलियम जे० स्टेन्टन के अनुसार, “पैकेजिंग से तात्पर्य उत्पाद नियोजन के अन्तर्गत आने वाले कार्यों के सामान्य समूह से है जो किसी उत्पाद के लिए आवरण का डिजाइन तैयार करने और उत्पादन करने से सम्बन्धित है।” इस प्रकार पैकेजिंग वस्तु नियोजन से सम्बन्धित कला एवं विज्ञान है। यह वस्तु की सुरक्षा एवं उपयोग हेतु आधानपात्र व लपेटने के समान बनाने एवं वस्तुओं को उस आधानपात्र में रखने या लपेटने के पदार्थों में बन्द करने से सम्बन्धित है। पैकेजिंग जहाँ वस्तु को सुरक्षा प्रदान करता है वहीं यह वस्तु की उपयोगिता एवं गुणों में भी वृद्धि करता ।

पैकेजिंग के आधारभूत कार्य (Basic Functions of Packaging)

अधिकांश व्यक्ति उत्पाद सुरक्षा को ही पैकेजिंग का एकमात्र कार्य समझते हैं परन्तु वास्तव में ऐसा सोचना उचित नहीं है। मुख्य रूप से अच्छे पैकेजिंग में (निम्नांकित कार्यों को सम्मिलित किया जा सकता है-
(1) सुरक्षा (Protection)—उत्पाद की सुरक्षा करना अर्थात् उत्पाद को टूट-फूट, क्षय, हानियों से बचाना। इसका लाभ निर्माता, वितरक एवं ग्राहक सभी को होता है।

(2) विपणन क्रियाओं में सुविधा प्रदान करना (Convenience)—पैकेजिंग के इस सुविधाजनक कार्य से मध्यस्थों एवं उपभोक्ताओं दोनों के लिए उत्पाद को उठाना, रखना, लाना तथा ले जाना, स्टोर करना आदि मितव्ययी एवं सुविधाजनक हो जाता है।

(3) विज्ञापन (Advertising)—पैकेज विज्ञापन का कार्य भी करता है जिससे विक्रय वृद्धि में सहायता मिलती है। अनेक अवस्थाओं में पैकेज इस प्रकार के बनाये जाते हैं कि फुटकर भण्डारों पर प्रदर्शन सामग्री का काम दें। पैकेज पर ब्राण्ड एवं लेबल लगाना भी सुलभ हो जाता है।

(4) आवश्यक सूचनाएँ (Essential Informations)—पैकेजिंग ग्राहकों को आवश्यक एवं उपयोगी सूचनाएँ प्रदान करने का भी कार्य करता है। प्रायः अनेक पैकेजों पर उत्पाद के उपयोग के सम्बन्ध में आवश्यक निर्देश छपे ‘ होते हैं, जैसे-बच्चों के लिए बेची जाने वाली भोजन सामग्री या दूध के डिब्बों पर।

(5) संग्रह की सुविधा (Storing)-पैकेजिंग के कारण वस्तुओं को संग्रह करने में सुविधा हो जाती है क्योंकि पैकेज के कारण थोड़े-से स्थान पर ही अधिक मात्रा में माल को संग्रह किया जा सकता है। कुछ उत्पाद बहुत अधिक स्थान घेरते हैं क्योंकि हल्के होते हैं। ऐसे उत्पाद को एक अच्छे पैकेज के द्वारा थोड़े-से स्थान में अधिक मात्रा में रखा जाता है, इस प्रकार पैकेजिंग का कार्य वस्तुओं के संग्रह को सुविधाजनक बनाना’ भी है।

(6) परिचय (Identification)-जब विभिन्न निर्माताओं द्वारा एक ही वस्तु का निर्माण किया जाता है तो अपनी वस्तु की अलग पहचान के लिये भी पैकेजिंग विशेष रूप से सहायक होता है। पैकेजिंग अपने अलग रंग, रूप, आकार आदि के द्वारा अपना परिचय देता है।

(7) लाभ-सम्भावनाएँ (Profit possibilities)—एक अच्छे एवं प्रभावी पैकेजिंग के कारण उपभोक्ता उस वस्तु का अधिक मूल्य देने के लिये सहज रूप से तैयार हो जाते हैं जिसके परिणामस्वरूप लाभ कमाने की सम्भावनाएँ भी बढ़ जाती है।

पैकेजिंग की नीतियाँ और रीति-नीतियाँ (Policies and Strategies of Packaging)

आधुनिक समय में. पैकेजिंग के विपणन मूल्य (Marketing Value) को देखते हुए कम्पनियाँ प्रायः निम्नांकित पैकेजिंग रीति-नीतियों का प्रयोग करती है-

(1) पैकेज परिवर्तन (Changing the Package)—यह एक महत्त्वपूर्ण प्रश्न है कि समयानुसार पैकेज में परितर्वन किया जाये या नहीं. और यदि किया जाये तो किस समय? यदि हम इन प्रश्नों का उत्तर आधुनिक प्रवृत्ति के सन्दर्भ में खोजें तो हमें ज्ञात होगा कि यह परिवर्तन के पक्ष में है। आजकल प्रायः कम्पनियाँ अपने उत्पाद को नवीन रूप देने और · उपभोक्ताओं की सन्तुष्टि हेतु पैकेज परिवर्तन की रीति-नीति का अनुसरण करती हैं।

(2) उत्पाद-पंक्ति पैकेजिंग (Packaging Product Line)—एक कम्पनी को यह निर्णय लेना पड़ता है कि वह सभी उत्पादों के लिए सामान्य या सादृश्यता विकसित करने वाले पैकेजों का प्रयोग करे अथवा भिन्न-भिन्न प्रकार के उत्पादों के लिए भिन्न-भिन्न दिखने वाले पैकेजों का प्रयोग करे।

(3) पुनः प्रयोग पैकेजिंग (Re-use Packaging)-पैकेजिंग की इस रीति-नीति के अन्तर्गत ऐसे पैकेज का प्रयोग किया जाता है जो उत्पाद का उपभोग करने के पश्चात् भी अन्य कार्यों में प्रयुक्त किया जा सके जैसे-डालडा और रथ घी के डिब्बे घी के उपभोग के पश्चात भी घरों पर अन्य सामान रखने में प्रयुक्त किये जाते हैं।

(4) बहु इकाई पैकेजिंग (Multiple Packaging)—बहु-इकाई पैकेजिंग की रीति-नीति काफी वर्षों से प्रचलन में है। इसके अन्तर्गत पैकेज में उत्पाद की अनेक इकाइयाँ रखी जाती हैं। अनेक उत्पादों के सम्बन्ध में यह रीति-नीति देखने को मिलती है, जैसे-चादरें, तौलिएँ, बनियान, फाउण्टेन पेन, टेनिस या गोल्फ खेलने की गेंदें, साबुन आदि।

Meaning and Definition of Packaging

उत्पाद डिब्बाबन्दी एवं लेबल लगाना (Product Packaging and Labelling)

फिलिप कोटलर के अनुसार डिब्बाबन्दी वह प्रक्रिया है जिसमें उत्पाद की रूप-सज्जा, उसका डिब्बा और आवरण आता है। डिब्बाबन्दी उत्पाद को बिक्री और दुलाई के लिए तैयार करने की कला है। डिब्बाबन्दी में उत्पाद को ढुलाई तक पहुँचने से पूर्व अनेक सोपानों से गुजरना पड़ता है। उत्पाद किसी पात्र अथवा डिब्बे में, यथा बोतल, जार, डिब्बे, टीन, कनस्तर जैसे प्राथमिक पात्रों में रखना पड़ता है। प्राथमिक पात्रों में रखे उत्पाद को गत्ते के डिब्बे आदि के गौण पात्रों में बन्द किया जाता है। गौण/द्वितीयक डिब्बाबन्दी किए उत्पाद को पुनः पात्र में बन्द करने को, जहाज भेजने योग्य डिब्बाबन्दी कहा जाता है। अच्छी डिब्बाबन्दी के लक्ष्य निम्नलिखित हैं-

1- इससे उत्पाद को चोरी, टपकने और टूटने आदि से सुरक्षा मिलती है।
2- एक सी अन्तर्वस्तु वाले विभिन्न उत्पादों को आसानी से पहचाना जा सके क्योंकि उन पर विशिष्ट चिन्ह, प्रतीक बने रहते हैं और उनक विशेष आकार, रंग और रूपरेखा होती है।
3- अच्छी डिब्बाबन्दी से उत्पादकों, ग्राहकों और वितरकों को उत्पाद को आसानी से उठाने-रखने, भण्डारण और जहाज द्वारा भेजने में सहायता मिलती है।
4- इससे उत्पाद को बाजार में प्रोत्साहित करने में सहायता मिलती है।
5- यह डिब्बे में बन्द वस्तुओं को नमी, अभेद्य, कीट तथा क्षति प्रतिरोधक सामग्री के प्रयोग से ताजा तथा साफ सुथरा रखती है।
6- यह कुछ खर्चे, जैसे भण्डारण, दुलाई तथा सँभालने का खर्चा आदि कम करके लाभांश को बढ़ाती है।

लेबलिंग Labelling

विलियम जे० स्टेन्टन (William J. Stanton) के अनुसार, “लेबिल उत्पाद का वह भाग है जिस पर उत्पाद अथवा विक्रेता (निर्माता या मध्यस्थ) के सम्बन्ध में मौखिक सूचना दी गई होती है। एक लबिल पैकेज का भाग हो सकता है या उत्पाद के साथ प्रत्यक्ष रूप से संलग्न की गई एक चिट के रूप में हो सकता है।” मेसन एवं रथ के अनुसार, “लेबिल सूचना देने वाली चिट, लपेटने वाला कागज अथवा सील है जो वस्तु या उसके पैकेज से जुड़ी हुई है।” लिप्सन एवं डार्लिंग (Lipson and Darling) के अनुसार, “लेबिल वस्तुत: वह सूचना होती है जो भौतिक उत्पाद अथवा उसके पैकेज पर लगाई जाती है और उत्पाद की विशेषताओं के बारे में बतलाती है।’ एक लेबिल निम्न की पहचान कराता है-(i) किसने उत्पद बनाया है?; (ii) उत्पाद के निर्माण एवं समाप्ति (Expiry) की तिथि; (iii) ग्राहक से वसूल किया जाने वाला मूल्य; (iv) ब्राण्ड नाम; (v) उसमें निहित उत्पाद की शुद्ध मात्रा (वजन, माप, संख्या आदि)

लेबिलिंग के प्रकार (Types of labelling)


विलियम जे० स्टेण्टन ने लेबिल को निम्न प्रकारों से समझाया है-(1) ब्राण्ड लेबिल (2) ग्रेड लेबिल एवं (3) विवरणात्मक एवं सूचनात्मक लेबिल

(1) ब्राण्ड लेबिल (Brands Labels)—एक ब्राण्ड लेबिल केवल ब्राण्ड ही है जोकि उत्पाद या उसके पैकेज पर लगाया जाता है। लेबिल के लिए उत्पाद के साथ कोई अलग चिट संलग्न नहीं की जाती है। ऐसे लेबिल से ग्राहकों को पर्याप्त सूचनाएँ नहीं मिल पातीं।

(2) ग्रेड लेबिल (Grade Labels)—इसके अन्तर्गत वस्तु की किस्म को सूचित करने के लिए अक्षर, संख्या और शब्द का प्रयोग किया जाता है। एक कम्पनी जब वस्तु की अनेक किस्में बना रही हो तो वह भिन्न-भिन्न किस्म के लिए भिन्न-भिन्न लेबिल का प्रयोग कर सक.. है, जैसे—’लक्स’ और ‘लक्स सुप्रीम’ ऊषा पंखों में ‘प्राइमा’, ‘डीलक्स’ और ‘कॉण्टीनेण्टल’ पंखे।

(3) विवरणात्मक एवं सूचनात्मक लेबिल (Descriptive-cuminformative Labels)—विवरणात्मक और सूचनात्मक लेबिल एक ही समूह में रखे जाते हैं और इनका प्रयोग पर्यायवाची शब्दों के रूप में किया जाता है। इसमें उत्पाद की विशेषताओं, प्रयोग, संरचना, सावधानी, प्रयोग की विधि आदि के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी जाती है। दवाओं के सम्बन्ध में यह लेबिल अत्यधिक लोकप्रिय है।

अच्छे लेबिल की विशेषताएँ (Characteristics of Good Label)

अच्छा लेबिल वह है जोकि उत्पाद के बारे में सम्बन्धित एवं सही सूचना देकर उसके क्रेता को क्रय का निर्णय लेने में सहायता प्रदान करता है। वैधानिक रूप से दी जाने वाली सूचना के अतिरिक्त लेबिल में निम्न का समावेश होना चाहिए : –
(i) आकार, रंग और दिखलायी देने में उत्पाद का सही चित्र।
(ii) उत्पाद में प्रयुक्त कच्चे उत्पादों का विवरण।
(iii) उपयोग करने सम्बन्धी निर्देश जिसमें दुरुपयोग के विरुद्ध सावधानियों का भी उल्लेख हो।
(iv) ब्राण्ड नाम।
(v) निर्मित होने तथा अवधि समाप्ति (Expiry) की तिथि।
(iv) वैधानिक चेतावनी यदि कोई हो।
(vii) प्रतिकूल प्रभाव, यदि कोई हो।
(viii) प्रोसेसिंग (Processing) की विधि।

Homepage – click here.        

Admin
Adminhttps://dreamlife24.com
Karan Saini Content Writer & SEO AnalystI am a skilled content writer and SEO analyst with a passion for crafting engaging, high-quality content that drives organic traffic. With expertise in SEO strategies and data-driven analysis, I ensure content performs optimally in search rankings, helping businesses grow their online presence.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments