Mis-communication Notes in Hindi
भ्रमित संचार
जब प्रेषक द्वारा प्रेषित सन्देश किन्हीं कारणों से अपने मूल स्वरूप एवं भावना के साथ सन्देश प्राप्तकर्त्ता तक नहीं पहुँच पाता है तथा प्रेषित सन्देश का रूप विकृत हो जाता है और वह अपने वास्तविक अर्थ को खो देता है तो इसे मिथ्या बोधित अथवा भ्रमित संचार कहते हैं। इसकी प्रमुख परिभाषा अग्रलिखित है-
मित्तल एवं गर्ग के अनुसार, “अनेकानेक अवरोधों के कारण से जब प्रेषक द्वारा प्रेषित सन्देश अपने मूल रूप से प्राप्तकर्त्ता तक नहीं पहुँच पाता तो इस प्रकार संचारित विकृत सन्देश ही भ्रमित संचार कहलाता है। “
– निष्कर्ष – संचार का एक विनाशित रूप भ्रमित संचार है। जिस सन्देश का संचार करना है वह संचारित नहीं हो पाता और सन्देश का एक बाधित रूप संचारित हो जाता है।
जीवनवृत्त सारांश का आशय
(Concept of Resume)
करीकुलम विटे (सी० वी० ) अर्थात् जीवनवृत्त – सारांश एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण दस्तावेज है, यदि यह प्रभावशाली होगा तो आपको अवश्य ही साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा, और यदि यह प्रभावशाली नहीं हुआ तो आपको बिना साक्षात्कार के लिए बुलाए नौकरी की पात्रता के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। इसलिए यह कहा जा सकता है कि जीवनवृत्त-सारांश के माध्यम से ही आप अपने को नौकरियों और रोजगार के बाजार में ठीक से स्थापित कर सकते हैं। आपका जीवनवृत्त – सारांश एक ऐसा विजिटिंग कार्ड है जिसके द्वारा साक्षात्कार लेने वाले को यह ज्ञात होता है कि आप कौन हैं । जीवनवृत्त-सारांश का उद्देश्य यह दिखाना है कि नियोक्ता जिस तरह के आदमी की तलाश कर रहा है वह आप ही हैं और आप बखूबी पद की जिम्मेदारियाँ पूरी कर सकते हैं।