SWOT Analysis and Communication

SWOT Analysis and Communication स्वॉट विश्लेषण की उत्पत्ति कहाँ से हुई यह अब भी अस्पष्ट है, परन्तु यह स्पष्ट है कि ऐनसोफ ने इस तकनीक को प्रसिद्ध बनाने में इसे आमतौर पर प्रयोग होने वाली व्यूहरचना विश्लेषण तकनीक ही नहीं बनाया बल्कि एक आवश्यक बाजार विश्लेषण और सम्प्रेषण की तकनीक बना दिया।” स्वॉट विश्लेषण और सम्प्रेषण (SWOT Analysis and Communication) स्वॉट शब्दावली का प्रयोग आमतौर पर प्रबन्धकीय व्यापारिक रणनीति हेतु किया जाता है, जहाँ इन शब्दों का प्रयोग निम्नलिखित रूप में किया जाता है- S = शक्ति, क्षमता ( Strengths ) W = दुर्बलता (Weaknesses) O = अवसर (Opportunities) T = समस्याएँ / चुनौतियाँ (Threats ) प्रबन्धक स्वॉट (SWOT)का प्रयोग अपनी अद्भुत शक्ति तथा उन दुर्बलताओं की पहचान करने और विश्लेषण करने में लगाते हैं जिन पर काबू पाया जा सके और आन्तरिक शक्तियों एवं दुर्बलताओं द्वारा अवसर पाकर बाहरी वातावरण की समस्याओं से मुकाबला किया जा सके। इस स्वॉट तकनीक (Technique)के विश्लेषण का प्रयोग विभिन्न संचार अवस्थाओं के अन्तर्गत व्यक्तिगत तथा संगठनात्मक रूप में किया जा सकता है।  (1) प्रबन्धक स्वॉट (SWOT) के विश्लेषण का प्रयोग अपनी शक्ति और सम्प्रेषण क्षमता की दुर्बलता एवं विभिन्न अवसरों पर तथा बाहरी वातावरण में उपस्थित समस्याओं का मुकाबला करने के लिए करता है। (2) संगठन स्वॉट (SWOT ) के विश्लेषण का प्रयोग अपने औपचारिक और अनौपचारिक नेटवर्क की शक्ति एवं दुर्बलताओं को जानने हेतु तथा बदलते व्यापारिक वातावरण के कारण आने वाली समस्याओं का मुकाबला करने के लिए किया जाता है। स्वॉट विश्लेषण के अंग (Parts of SWOT Analsysis ) (1) बाह्य वातावरण ( External Environment), (2) आन्तरिक वातावरण (Internal Environment) (1) बाह्य वातावरण से अभिप्राय जो व्यवसाय के बाहर स्थित है। यह व्यवसाय को बाहर से प्रभावित करते हैं। बाह्य वातावरण व्यवसाय को ‘अवसर’ प्रदान करता है एवं व्यवसाय के समक्ष ‘चुनौतियाँ’ भी उत्पन्न करता है । … Read more