Saturday, December 21, 2024
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Meaning of cost accounting pdf notes

Meaning of cost accounting notes pdf


प्रश्न 1. लागत लेखांकन क्या है ? इसके लाभों की विवेचना कीजिये।

What is Cost accounting ? Discuss the benefits of cost accounting.

उत्तर-

लागत लेखांकन का अर्थ एवं परिभाषा

(Meaning and Definition of the Cost Accounting)

लागत लेखांकन में लेखे इस प्रकार किये जाते हैं कि वस्तु या सेवा के उत्पादन से सम्बन्धित विभिन्न व्ययों अथवा सेवाओं का वितरण इस प्रकार किया जा सके ताकि वस्तु या सेवा की कुल तथा प्रति इकाई लागत ज्ञात हो सके तथा व्यवसायिक नियंत्रण नीति निर्धारण के लिये

आवश्यक समंक एवं सूचनाएँ प्राप्त हो सकें। अन्य शब्दों में,लागत लेखों में वैज्ञानिक विधि से विभिन्न व्ययों का विश्लेषण किया जाता है जिससे कि किसी कार्य को करने तथा किसी वस्तु के उत्पादन में आने वाली कुल लागत तथा कुल सेवाओं आदि का मूल्य ठीक-ठीक पता लग जाये। वस्तुतः लागत लेखांकन द्वारा प्रदत्त सूचनाओं से लागत का विश्लेषण, नियंत्रण एवं विश्लेषण सम्भव होता है।

प्रमुख विद्वानों द्वारा लागत लेखांकन की निम्नलिखित परिभाषाएँ दी गई हैं

लागत लेखे का अर्थ व्ययों का वर्गीकरण, लेखा तथा उपयुक्त रूप से बँटवारा करने से है, जिससे उत्पादित वस्तुओं अथवा सेवाओं की उत्पादन लागत ज्ञात हो सके। समुचित एवं व्यवस्थित आँकड़े इस प्रकार प्रस्तुत किये जाते हैं कि प्रशासकों का मार्गदर्शन एवं उनके प्रबन्ध कार्य में सुविधा हो । यह प्रत्येक ठेका, कार्यविधि, सेवा या इकाई की लागत निर्धारित करता है तथा उत्पादन, बिक्री एवं वितरण की लागतें बताता हैं।”

-हैराल्ड जे० हैलडन “लागत लेखांकन व्ययों का एक ऐसा वर्गीकरण है, जिससे उत्पादन की किसी विशेष इकाई की कुल लागत शुद्धतापूर्व क ज्ञात हो सके तथा साथ ही वह भी ज्ञात हो सके कि कुल लागत किस प्रकार प्राप्त हुई।”

दाल्टर डब्ल्यू० “लागत लेखे लेखांकन की एक ऐसी विधि है,जिनके अन्तर्गत किसी विशिष्ट वर बनाने या किसी विशिष्ट कार्य को करने में प्रयुक्त सामग्री एवं श्रम का हिसाब रखा जाता है।”

 “लागत लेखाविधि व्ययों का इस प्रकार उचित ढंग से वितरण करती है, जिससे उचित लागत का ज्ञान हो जाये और इसे ऐसे उचित ढंग से प्रस्तुत करती है जिससे इसक मार्गदर्शन द्वारा उत्पादक अपने व्यवसाय पर नियंत्रण रख सकें।”

“लागत लेखाकर्म एक विज्ञान अथवा विधि है,जो किसी विशिर उत्पादन कार्य अथवा सेवा की प्रति इकाई के उन सभी प्रमुख तत्वों को बुद्धिमत्तापूर्ण ढंग से प्रस्तुत करती है। जिससे उनकी लागत बनी है । जैसे-सामग्री,श्रम,अन्य प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष व्यय।” – आर० एस० डावर

अतः उपयुक्त परिभाषाआ के आधार पर कहा जा सकता है कि लागत लेखा प्रकार की व्यवस्था है जिसके द्वारा उत्पादन की विभिन्न प्रक्रियाओं में लागत ज्ञात की जाती है। इसी के साथ लागत लेखा लागत को नियंत्रित करके लाभार्जन क्षमता में वृद्धि करने, भावी नीतियों को निर्धारित करने तथा नियोजन में भी सहायता प्रदान करता है।

लागत लेखांकन के उद्देश्य

Objects of Cost Accounting

लागत लेखांकन के कुछ प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं-

(1) उत्पादन की कुल तथा प्रति इकाई लागत ज्ञात करना।

(2) उत्पादित इकाइयों का विश्लेषण एवं वर्गीकरण करना।

(3) वस्तु तथा टेण्डर मूल्यों को निर्धारित करना।

(4) उत्पादन लागत को नियंत्रित करने के लिये निर्माण कार्य में होने वाली असावधानियों व अपव्ययताओं का पता लगाना तथा उन्हें रोकना।

(5) उत्पादन से सम्बन्धित भविष्य के लिये लाभकारी योजनाएं बनाना।

(6) वर्तमान मशीन एवं तकनीक की क्षमता का ज्ञान करके भविष्य के लिये अनुमान लगाना।

(7) उत्पादन और प्रबन्ध के दोषों को दूर करने के लिये सर्वोत्तम विधियाँ निश्चित करना।

(8) विभिन्न लागत लेखों का मिलान करके लाभ-हानि के स्रोतों की जानकारी होना।

(9) अन्तिम ख़ाते बनाने में सहायता प्रदान करना।

(10) उत्पादन के आकार तथा फैक्ट्री की बनावट आदि को ध्यान में रखते हुए उत्पादन कार्य में मितव्यताएँ लाना।

लागत लेखांकन के कार्य

(Functions of Cost Accounting)

(1) लागत-निर्धारण (Cost Determination)-

लागत लेखों के द्वारा निर्माण की हुई विभिन्न वस्तुओं की उत्पादन लागत ज्ञात की जाती है। विभिन्न कार्यों, प्रक्रियाओं एवं ठेकों पर

विभिन्न कारण किया जाताण के लिये सा प्रस्तुत करता की

(2) भावी नीति निर्धारण के लिये समंक प्रस्तुत करना (Presentation of Data for future plans)

लागत लेखा उचित समंक प्रस्तुत करता है जिससे उत्पादक विभिन्न वस्तुओं की कीमतें निर्धारित कर सकें तथा भविष्य में होने वाले उत्पादन की मात्रा का निर्धारण कर सकें।

(3) लागत नियन्त्रण (Cost Control)

लागत लेखांकन का प्रमुख कार्य लागतों पर नियंत्रण करना है ताकि कम से कम लागत पर अधिक से अधिक उत्पादन किया जा सके। इसके लिये बजटरी नियन्त्रण एवं प्रमाप नियन्त्रण का प्रयोग किया जाता है। Meaning of cost accounting notes

(4) लागत विश्लेषण (Cost Analysis)-

लागत विश्लेषण में विभिन्न व्ययों का विस्तृत विश्लेषण किया जाता है। इन व्ययों की गत अवधि के व्ययों से तुलना तथा मानक लागत से तुलना करके अन्तरों की जानकारी प्राप्त की जाती है।

(5) विक्रय मूल्य निर्धारित करना (Determination of selling price)

लागत लेखांकन का प्रमुख कार्य उचित विक्रय मूल्य निर्धारित करना भी है ताकि प्रतिस्पर्धा का सामना किया जा सके एवं उचित लाभ अर्जित किया जा सके।

(6) विभिन्न विभागों की कार्यक्षमता का माप (Measurement of Effeciency of Different Departments)

लागत लेखांकन के अन्तर्गत मजदूरों में उनके कार्य का उचित बँटवारा किया जाता है तथा मजदूरी देने की उचित पद्धति,बजटरी नियंत्रण आदि कार्यों से विभिन्न विभागों की कार्यक्षमता का अध्ययन किया जाता है।

लागत लेखांकन के लाभ तथा महत्व

(Merits and Importance of Accounting)

लागत लेखों का महत्व दिनों दिन बढ़ता जा रहा है क्योंकि इसके द्वारा कोई भी संगठन अपनी लागत सम्बन्धी समस्याओं का अध्ययन करके लाभ को अधिकतम करता है । लागत लेखों से विभिन्न वर्गों को भिन्न-भिन्न लाभ प्राप्त होते हैं। लागत लेखों से महत्व का विश्लेषण निम्न शीर्षकों के अन्तर्गत किया जा सकता है

(I) उत्पादकों प्रबन्धकों को लाभ (Advantages to producers and Managers)-

किसी भी संस्था में लागत लेखों से उत्पादकों एवं प्रबन्धकों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं

(1) सामग्री एवं संयत्र का सर्वोत्तम उपयोग।

(2) वित्तीय लेखों में सहायक।

(3) व्यापार के लिये अनुपयोगी व उपयोगी कार्यों का ज्ञान।

(4) वित्तीय विवरण किसी भी समय तैयार करना।

(5) उत्पादन लागत का विश्लेषणात्मक एवं तुलनात्मक अध्ययन ।

(6) प्रमाप के निर्धारण में सहायक।

(7) उचित बिक्री मूल्य निर्धारित करना।

(8) मानक लागत एवं बजटरी नियंत्रणों द्वारा अन्तरों की जाँच करना।

(9) कार्य कालय अनुमान लगाना एव टेण्डर दना।

(10) लाभ-हानि के कारणों का पता लगाना।

(11) मन्दीकाल में उपयोगिता।

(12) अपव्यया को रोकना।

(13) भविष्य के लिये नीतियाँ बनाना।

(14) श्रमिकों की समस्याओं को दूर करना।

(II) कर्मचारियों को लाभ (Advantages to Workers)

लागत लेखों के द्वारा प्रत्येक श्रमिक द्वारा किये जाने वाले कार्य को निर्धारित कर दिया जाता है जिसके परिणामस्वरूप प्रत्येक कर्मचारी अपनी कार्यसीमा के अनुसार कार्य करता है तथा संस्था में होने वाले अपव्ययों में कमी आती है। प्रत्येक कर्मचारी के कार्य का पूर्ण विवरण रखा जाता है व उसी के हिसाब से उसे पारिश्रमिक का भुगतान किया जाता है । इस प्रकार लागत सम्बन्धी लेखों से श्रमिकों की कुशलता, आय व उत्पादकता में वृद्धि होती है। Meaning of cost accounting notes

(III) विनियोक्ताओं को लाभ (Advantages to Investors)

लागत लेखों के द्वारा संस्था को यह पता चलता है कि किस संस्था में विनियोग किया जाये ताकि अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके। व्यवसाय की वर्तमान व भावी लार्भाजन क्षमता का ज्ञान होता है। लागत लेखों के द्वारा व्यवसाय की वास्तविक स्थिति का ज्ञान होने के कारण विनियोक्तओं एवं ऋणदाताओं का उन पर पूर्ण विश्वास बना रहता है।

(IV) उपभोक्ताओं को लाभ (Advangates to consumers)-

लागत लेखों के द्वारा उत्पादन लागत में कमी आती है तथा किस्म में भी सुधार होता है क्योंकि उत्पादन का लेखा रखने के कारण श्रमिकों की कार्य कुशलता बढ़ती है एवं अपव्ययों में भी कमी आती है। इस प्रकार उत्पादन लागत कम होने के कारण उपभोक्ताओं को कम कीमत पर उत्तम किस्म का माल प्राप्त होता है । इस प्रकार उत्पादक उपभोक्ताओं को वस्तु की कीमत व किस्म से सम्बन्धित संतुष्टि प्रदान करते हैं।

(V) सरकार को लाभ (Advantages to Government)

लागत लेखों के द्वारा विभिन्न उद्योगों की विस्तृत एवं विश्लेषणात्मक सूचनाएं प्राप्त होती हैं जिससे सरकार को उद्योगों के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण नीतियाँ बनाने में सहायता मिलती है। मूल्य निर्धारण, मूल्य नियन्त्रण, आयकर के निर्धारण, लाभांश भुगतान सरकारी संरक्षण आदि नीतियों के निर्धारण में लागत लेखे महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करते हैं।

उपरोक्त विवेचन से स्पष्ट है कि, लागत लेखों के रखे जाने से उत्पादकों, विनियोक्ताओं एवं ऋणदाताओं को ही लाभ नहीं होता वरन् समाज के प्रत्येक क्षेत्र में इसका लाभ पहुँचता है । ये लेखे सरकार, उपभोक्ताओं व सम्पूर्ण राष्ट्र को लाभ पहुंचाते हैं। सरकारी उद्योग व उपक्रमों की कार्यक्षमता में वृद्धि करने के लिये लागत लेखा पद्धति अपनाई जाती है। आपत्तिकालीन स्थिति में भी कार्य करने हेतु लागत रेखा पद्धति अपनाई जाती है।


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