After Sales Service Meaning in Hindi

विक्रयोपरान्त सेवाओं का अर्थ (After Sales Service Meaning in Hindi) विक्रयोपरान्त सेवा (After-Sales Service) वर्तमान समय में विपणन क्रियाओं का आधार उपभोक्ताओं को सदैव सन्तुष्ट रखना है जिसके लिए उनको विक्रय के बाद सेवा प्रदान की जाती है जिसमें मुफ्त मरम्मत, वस्तु की मुफ्त सफाई या समय से पूर्व वस्तु के खराब होने पर उसको … Read more

Price Determination Meaning and Definition in Hindi

Price Determination Meaning and Definition in Hindi मूल्य निर्धारण का अर्थ एवं परिभाषा विपणन प्रबन्ध के निर्णयों में मूल्य निर्धारण अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है, क्योंकि मूल्य निर्धारण व्यावसायिक उपक्रम की प्रतियोगी स्थिति एवं उसके बाजार अंश को प्रभावित करते हैं। कीमत निर्णय से ही व्यावसायिक उपक्रम के कुल आगम और शुद्ध लाभ प्रभावित होते … Read more

Origin of Indian national congress

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का उद्भव (Origin of Indian national congress) इस पृष्ठभूमि में 1884 ई० में ‘थियोसोफिकल सोसायटी’ का सम्मेलन हुआ, जिसमें भारत के प्रमुख व्यक्तियों ने एक राष्ट्रीय संस्था की स्थापना को मूर्त रूप देने का प्रयत्न किया। दिसम्बर 1884 ई० में ‘इण्डियन नेशनल यूनियन’ नामक संस्था की स्थापना की गई। इस यूनियन ने … Read more

First phase of congress – Moderate era

कांग्रेस का प्रथम चरण : नरमपंथी युग (First phase of congress – Moderate era) भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन का प्रथम चरण कांग्रेस का शैशवकाल कहा जाता है। 1885 से 1905 ई० की अवधि में कांग्रेस का राष्ट्रीय संस्था के रूप में क्रमिक विकास हुआ तथा धीरे-धीरे उसकी नीतियों एवं कार्यक्रमों का विकास हुआ। इस अवधि में … Read more

Extremist Movement in Hindi

गरमपंथी आन्दोलन ( Extremist Movement in hindi) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रारम्भिक चरण में नेतृत्व नरम राष्ट्रवादियों के हाथ में रहा, जो अपने वांछित लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु संवैधानिक साधनों के प्रयोग में विश्वास करते थे। लेकिन 1885 ई० से 1905 ई० के बीच के काल में भारत और विदेशों में कुछ ऐसी घटनाएँ घटित … Read more

Swadeshi Movement in India

स्वदेशी आन्दोलन (Swadeshi Movement In India) सफल स्वदेशी आन्दोलन भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन का एक महत्त्वपूर्ण आन्दोलन, रणनीति व दर्शन था। स्वदेशी का अर्थ है-‘अपने देश का’। इस रणनीति के लक्ष्य ब्रिटेन में बने माल का बहिष्कार करना तथा भारत में बने माल का अधिकाधिक प्रयोग करके साम्राज्यवादी ब्रिटेन को आर्थिक हानि पहुँचाना व भारत के … Read more