Meaning of Incorporation of Company

Meaning of Incorporation of Company कम्पनी के समामेलन का अर्थ  भारतीय कम्पनी अधिनियम के अनुसार, कम्पनी के समामेलन हेतु उस राज्य के रजिस्ट्रार (जहाँ पर कम्पनी का रजिस्टर्ड कार्यालय होगा) के पास (i) पार्षद सीमानियम, (ii) पार्षद अन्तर्नियम, (iii) संचालकों की संचालक बनाने की लिखित सहमति, (iv) संचालकों की योग्यता अंश लेने की लिखित सहमति, … Read more

Relationship of Promoter with the Company

Relationship of Promoter with the Company प्रवर्तक का कम्पनी के साथ सम्बन्ध एक प्रवर्तक का कम्पनी के साथ निम्न प्रकार का सम्बन्ध होता है – (1) विश्वासाश्रित सम्बन्ध (Fiduciary Relation) कम्पनी के साथ प्रवर्तक । विश्वासाश्रित सम्बन्ध होते हैं। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि कम्पनी के प्रवर्तकों कम्पनी के साथ तथा उन … Read more

Meaning of Articles of association meaning in hindi

Meaning of Articles of association meaning in hindi पार्षद अन्तनियम पार्षद अन्तनियम से आशय कम्पनी के उदेयं के कार कलेव का नत्र प्रबन्ध व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिये बनाये गये नियम व नियम है। कमानी की सम्पूर्ण आन्तरिक प्रवन्ध वस्या पार्षद अनन्या के अनुसार हरे र अन्तनियम कमनी का दूसरा महत्वपूर्ण लेख … Read more

Powers of Directors

Powers of Directors संचालकों के अधिकार  संचालकों के अधिकारों को दो भागों में बाँटा जा सकता है— (1) सामान्य अधिकार, (2) विशेष अधिकार । इनका विस्तृत विवेचन इस प्रकार है – (1) सामान्य अधिकार (General Powers)-कम्पनी अधिनियम की धारा 291 के अनुसार, कम्पनी के संचालक उन सब अधिकारों का प्रयोग कर सकते हैं तथा वे सब … Read more

Alteration in the Memorandum of Association

Alteration in the Memorandum of Association पार्षद सीमा नियम में परिवर्तन  पार्षद सीमानियम कम्पनी का महत्त्वपूर्ण प्रलेख होता है अतः इसे आसानी से बदला नहीं किया जा सकता। इनमें परिवर्तन करने के लिये कई औपचारिकताओं एवं नियमों का पालन करना पड़ता है। इसके विभिन्न वाक्यों में परिवर्तन की विधियाँ इस प्रकार हैं – (1) नाम वाक्य … Read more

Vacation of Directors

Vacation of Directors संचालकों का पदत्याग या स्थान रिक्त होना  धारा 168 के अनुसार एक संचालक का पद उसकी नियुक्ति के बाद निम्नलिखित दशाओं में रिक्त हो जाता है-  (1) योग्यता अंश न लेना-यदि एक संचालक नियुक्ति के बाद निर्धारित 2 माह की अवधि के भीतर योग्यता अंश नहीं ले या अन्य किसी भी समय … Read more