Causes of the Origin of Black Money
काले धन की उत्पत्ति के कारण
काले धन की उत्पत्ति के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-
1. कर-चोरी रोकने के शिथिल प्रयास – भारत में सर्वाधिक ऊँची दरों पर करों का आरोपण किया जाता है, लेकिन कर की अदायगी करने वाले लोगों का प्रतिशत अत्यन्त न्यून है। कर की इस चोरी को सरकार रोक पाने में अभी तक सफल नहीं हो सकी है। करों की चोरी के द्वारा काले धन की वृद्धि होती जाती है।
2. वस्तुओं की तस्करी – तस्करी भी काले धन को बढ़ाने में मदद करती है। कुछ देशद्रोही लोग देश से चोरी-छिपे माल बाहर विदेशों को भेजते हैं और विदेशों से यहाँ लाते हैं। इस क्रिया से कीमतों पर प्रभाव पड़ने के साथ-साथ काले धन की मात्रा भी बढ़ती है। सोना, मादक पदार्थों व जानवरों आदि की तस्करी, सीमा पार के और दूर-दराज के देशों में होती रहती है।
3. कराधान की ऊँची दरें – भारत में करों की दरें विश्व के किसी भी राष्ट्र के सापेक्ष सर्वाधिक हैं। भारत में कराधान की दरें इतनी अधिक होने के कारण धनी व्यक्ति भी अपनी वास्तविक आय बताने में हिचकिचाता है। इस प्रकार से लोगों के पास काफी धनराशि जिसका कोई हिसाब-किताब नहीं होता, एकत्र होती जाती है, जो धीरे-धीरे बेहिसाबी मुद्रा या काले धन में बदल जाती है। देश में प्रत्यक्ष करों की आय परोक्ष करों की आय के अनुपात लगातार घटती गई है, जो प्रत्यक्ष करों की लगातार चोरी को प्रकट करती है।
4.कठोर नियन्त्रण नीति- समानान्तर अर्थव्यवस्था अथवा काले धन के सृजन में अनेक प्रकार की कठोर नियन्त्रण वाली नीतियों का भी प्रमुख हाथ है। ये नीतियाँ है- कीमत व वितरण सम्बन्धी नियन्त्रण, प्रशासनिक नियन्त्रण, लाइसेन्सिंग पद्धति आदि। देश में सम्पूर्ण सरकारी मशीनरी का संचालन इस प्रकार से होता है कि मामूली सा काम कराने के लिए भी रिश्वत का सहारा लेना पड़ता है। भारत में आर्थिक क्रिया पर नियन्त्रण के विस्तार व जटिलता के कारण कर की चोरी वाली आमदनी का सृजन हुआ है।