Sunday, December 1, 2024
Homeba 2nd year notesLord Lytton policies in hindi

Lord Lytton policies in hindi

लॉर्ड लिटन 1876-1880 ( Lord Lytton policies in hindi 1876-1880 )

नियुक्ति के समय लॉर्ड लिटन का प्रशासकीय अनुभव काफी था। वह एक महान् लेखक तथा प्रतिभावान् वक्ता था। उसे डिजरैली ने विशेष रूप से अफगानिस्तान के प्रति नई वीरतापूर्ण विदेश नीति का उद्घाटन करने के लिए भेजा था। यहाँ इतना कहना पर्याप्त है कि वह द्वितीय अफगान युद्ध की शीघ्रता के लिए तथा वहाँ भारतीय सेनाओं के सब प्रकार के कष्टों के लिए उत्तरदायी है। उसे अपनी अफगान नीति के लिए सब ओर से फटकार सुननी पड़ी। भारतीय-प्रेस-अधिनियम के स्वीकार किए जाने के लिए वही उत्तरदायी था।

यह अधिनियम पक्षपातपूर्ण था तथा इस विषय में भारतीयों ने लॉर्ड लिटन ने सुझाव दिया कि वायसराय को परामर्श देने के लिए शासक राजाओं की एक प्रिवी कौंसिल बनाई जाए। उसका सुझाव नहीं माना गया, किन्तु सन् 1919 के भारत सरकार अधिनियम के स्वीकृत हो जाने पर नरेशमण्डल के रूप में बाद में ऐसी ही संस्था भारत में स्थापित की गई। उसका विरोध किया।

लॉर्ड लिटन भारतीय अदालतों की इस मनोवृत्ति का विरोधी था, जिसके अनुसार उन मामलों में, जिनमें यूरोपीय अपराधी होते थे, नरम दण्ड दिए जाते थे।

ब्रिटिश संसद ने राजकीय उपाधि अधिनियम स्वीकृत किया, जिसके अनुसार इंग्लैण्ड के शासक को ‘कैसर-ए-हिन्द’ की उपाधि प्रदान की गई। लॉर्ड लिटन ने 1867 में दिल्ली में एक शानदार दरबार किया तथा महारानी विक्टोरिया को दिल्ली की सम्राज्ञी घोषित किया गया। इसका प्रभाव देशी राजाओं की स्थिति को कम करना था। तथापि यह एक निश्चित तथ्य की केवल एक औपचारिक घोषणा थी।

किसी अन्य वायसराय के सम्बन्ध में इतनी आलोचना नहीं हुई, जितनी लॉर्ड लिटन के विषय में। उसकी अफगान नीति के सम्बन्ध में भारतवर्ष के लोगों ने ही नहीं, अपितु उदार दल के नेताओं तथा अंग्रेजों ने निन्दा की। वह निस्सन्देह “एक कष्टपूर्ण तथा अनुचित भारी भूल है तथा केवल उसी कारण से ही लॉर्ड लिटन का राजनीतिज्ञ के रूप में दावा ऐसा है, जो न्यायपूर्वक रद्द किया जा सकता है।” उसे अकाल के कारण भयंकर प्राण-हानि के लिए भी अपराधी समझा जाता है। जब लोग अकाल में मर रहे थे, तब वह दिल्ली में दरबार करने में व्यस्त था। इतना होने पर भी इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि वह महान् विचारों का व्यक्ति था। उसकी योजनाएँ कार्यान्वित नहीं की जा सकी क्योंकि वे समय से पूर्व की थीं। वह भारत के लिए सोने के स्टैण्डर्ड के पक्ष में था तथा देश को लाभ हो सकता था, यदि उसका सुझाव इस सम्बन्ध में स्वीकृत कर लिया जाता। वह पश्चिमोत्तर सीमाप्रान्त को पंजाब से अलग किए जाने तथा उसे सीधे केन्द्रीय सरकार के नियन्त्रण में रखने के पक्ष में था। उसका यह सुधार वास्तव में लॉर्ड कर्जन ने कार्यान्वित किया। इस बात का पहले उल्लेख किया जा चुका है कि उसकी भारतीय प्रिवी कौंसिल वाली योजना नरेशमण्डल के रूप में कार्यान्वित की गई। वह यह भी चाहता था कि यूरोपीय लोगों के साथ किसी मामले में नरमी न बरती जाए।

डॉ० स्मिथ ने लिटन के कार्यों की योग्यता के सम्बन्ध में इन शब्दों का प्रयोग किया है“पर्याप्त जीवन-चरित्र के अभाव तथा उसकी आदतों तथा वृत्तियों की उन विशेष विदेशी विशेषताओं के कारण, जो परम्परागत विचारों को उभारती हैं, इसकी प्रसिद्धि अस्पष्ट रही है। इन सबसे बढ़कर लॉर्ड बेकंसफील्ड तथा सालिसबरी के आदेशानुसार उसके द्वारा अपनायी गई

अफगान नीति के द्वारा भड़के हुए कटु पक्षपातपूर्ण मतभेदों के कारण भी उसकी प्रसिद्धि अस्पष्ट है। इसके साथ ही भारतीय-प्रेस-अधिनियम की विषैली आलोचना ने भी उसे जनता की दृष्टि में गिराया। इन सब कारणों से उसे वह प्रसिद्धि न प्राप्त हो सकी, जिसके लिए प्रधानमन्त्री वचनबद्ध थे। सम्भवत: इससे ही यह सामान्य प्रभाव पड़ा कि भारत के एक शासक के रूप में वह असफल था। यदि इस सम्मति को मान लिया जाए, तो वह अपर्याप्त कारणों पर आधारित है। उसकी आन्तरिक नीति के सबसे अच्छे भाग स्थायी महत्त्व के हैं तथा उसके उत्तराधिकारियों ने उनसे ही अपने विकास कार्यों तथा सुधारों की नींवें रखीं। उसकी अफगान नीति का सबसे आवश्यक पग जिससे मेरा अभिप्राय कोयटा पर अधिकार करना तथा खुर्रम की समतल भूमि को प्राप्त करना है, ऐसे थे जो या तो निर्बाध रूप से स्थिर रहे अथवा यदि उन्हें कुछ समय के लिए बदला भी गया, तो कुछ वर्षों के पश्चात् उन्हें पुनः पुष्ट कर दिया गया।”

Homepage – click here.        

Admin
Adminhttps://dreamlife24.com
Karan Saini Content Writer & SEO AnalystI am a skilled content writer and SEO analyst with a passion for crafting engaging, high-quality content that drives organic traffic. With expertise in SEO strategies and data-driven analysis, I ensure content performs optimally in search rankings, helping businesses grow their online presence.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments