निजीकरण से आशय (Meaning of Privatization)
निजीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अन्तर्गत सार्वजनिक उपक्रमों के स्वामित्व तथा प्रबन्ध में निजी क्षेत्र को सहभागिता प्रदान की जाती है अथवा स्वामित्व एवं प्रबन्ध का निजी क्षेत्र को हस्तान्तरण किया जाता है तथा आर्थिक क्रियाकलापों पर सरकारी नियन्त्रण को घटाकर देश में आर्थिक प्रजातन्त्र स्थापित किया जाता है ।
संकुचित अर्थ में निजीकरण का आशय उस नीति से है जिसके अन्तर्गत सार्वजनिक उपक्रम का निजी क्षेत्र को हस्तान्तरण कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया को ‘विराष्ट्रीयकरण’ (Denationalization) भी कहा जाता है।
निजीकरण की प्रमुख परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं-
जिबान के० मुखोपाध्याय के अनुसार, “निजीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें किसी राष्ट्र। के आर्थिक कार्यकलापों में सरकारी प्रभुत्व को कम किया जाता है । “
वीरेन जे० शाह के अनुसार, “निजीकरण का अर्थ प्रजातन्त्र है। “
अन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के अर्थशास्त्री सुसान के० जोन्स (Susan K. Jones) के शब्दों में, “निजीकरण शब्द से तात्पर्य किसी भी कार्यकलाप को सार्वजनिक क्षेत्र से निजी क्षेत्र को हस्तान्तरित करना है। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के कार्यकलापों में केवल पूँजी अथवा प्रबन्ध विशेषज्ञों का प्रवेश ही हो सकता है, किन्तु अधिकांश मामलों में, इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजी क्षेत्र में हस्तान्तरण होता है।”
उक्त परिभाषाओं के आधार पर निजीकरण की निम्नलिखित विशेषताएँ स्पष्ट होती हैं—
(1) यह विचारधारा विश्व स्तर पर लागू की जा रही है।
(2) यह, एक नई विचारधारा तथा नई व्यूह रचना (Strategy) है।
(3) यह व्यापक विचारधारा है। इसका उद्देश्य सरकारी प्रभुत्व को कम करके निजी क्षेत्र को बढ़ावा देना है।
(4) यह विचारधारा आर्थिक प्रजातन्त्र (Economic Democracy) की स्थापना करती है।
(5) यह सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन (Socio-Economic Changes) का उपकरण अथवा यन्त्र (Tool) है।
(6)इसका विस्तृत क्षेत्र (Wide Scope) है। इसमें विराष्ट्रीयकरण (Denationalization), विनियन्त्रण (Decontrol), अविनियमन (Deregulation), आर्थिक उदारीकरण ( Economic Liberalization) आदि क्रियाएँ शामिल की जाती हैं।
(7) निजी क्षेत्र सार्वजनिक क्षेत्र की तुलना में प्रबन्ध एवं नियन्त्रण की दृष्टि से अधिक कुशल होता है ।