World Trade Organization: Introduction
विश्व व्यापार संगठन – परिचय
World Trade Organizaion- विश्व व्यापार संगठन का जन्म 1 जनवरी, 1995 ई० को हुआ। यह General – Agreement on Tariff and Trade (GATT) का उत्तराधिकारी है। पूर्व में GATT के सदस्य देश समय-समय पर एकत्रित होकर विश्व व्यापार की समस्याओं पर वार्ता करते थे तथा उन्हें सुलझाते थे; किन्तु GATT के द्वारा WTO का रूप लिए जाने के पश्चात् अब इसे एक सुव्यवस्थित तथा स्थायी विश्व व्यापार संस्था के रूप में जाना जाने लगा है। विश्व व्यापार संगठन (WTO); विश्व बैंक (World Bank) तथा अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) के समकक्ष ही स्थान रखता है।
विश्व व्यापार संगठन के कार्य (Functions of WTO)
विश्व के राष्ट्रों के मध्य आयात-निर्यात को संवर्द्धित करने के लिए ‘विश्व व्यापार संगठन’ अति महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है। इस क्षेत्र में उसके प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं-
(1) विश्व व्यापार समझौते तथा अन्य बहुपक्षीय समझौतों के क्रियान्वयन, प्रशासन एवं परिचालन हेतु आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करना ।
(2) WTO के सदस्य देशों के मध्य उत्पन्न विवादों के निपटारे हेतु नियमों तथा प्रक्रियाओं को लागू करना।
(3) विश्व स्तर पर आर्थिक नीतियों के निर्माण में अधिक सामंजस्य लाने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक एवं अन्य अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से सहयोग करना।
(4) व्यापार नीति की समीक्षा एवं प्रक्रिया से सम्बन्धित नियमों एवं प्रावधानों को लागू
(5) विश्व संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग करना।
(6) प्रशुल्क एवं व्यापार से सम्बन्धित विषयों पर विचार-विमर्श के लिए सदस्य देशों को एक उपयुक्त मंच प्रदान करना।
विश्व व्यापार संगठन के उद्देश्य (Objectives of WTO)
‘विश्व व्यापार संगठन’ का आविर्भाव कुछ निश्चित उद्देश्यों की अभिप्राप्ति के निमित्त किया गया है। इस संगठन के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं—
(1) व्यापारिक एवं पर्यावरण सम्बन्धी नीतियों को सतत विकास से सम्बद्ध करना।
(2) व्यापारिक भागीदारों में प्रतियोगिता को बढ़ावा देना ताकि उपभोक्ताओं को लाभान्वित किया जा सके।
(3) विश्व संसाधनों का अधिकतम मात्रा में विस्तार करना।
(4) विश्व व्यापार में इस प्रकार से वृद्धि करना जिससे प्रत्येक सदस्य देश लाभान्वित करना।
(5) उत्पादन स्तर एवं उत्पादकता में वृद्धि करके विश्व में रोजगार के स्तर में वृद्धि
(6) वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन तथा व्यापार में वृद्धि करना ।
(7) प्रशुल्क एवं व्यापार सम्बन्धी बाधाओं तथा विदेशी व्यापार सम्बन्धी पक्षपातकारी व्यवहार को समाप्त करना ।
(8) विश्व व्यापार की नवीन प्रणाली को लागू करना, WTO का प्राथमिक एवं महत्त्वपूर्ण उद्देश्य है।
(9) सदस्य देशों में वास्तविक आय एवं प्रभावी माँग में सतत वृद्धि द्वारा लोगों के जीवन सुधार लाना।
(10) बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली का विकास करना ।