Write short note on Trends in World Trade.

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प्रश्न 6 – विश्व व्यापार की प्रवृत्तियों पर लघु टिप्पणी लिखिए। 

उत्तर—विश्व व्यापार जिन दो प्रमुख तत्त्वों से प्रभावित होता है, उनमें से एक तत्त्व है विकास की रणनीति–आयात प्रतिस्थापन या निर्यात प्रोत्साहन । विश्व व्यापार की वृद्धि के लिए आयात-प्रतिस्थापन की रणनीति हानिकारक होती हैं, जबकि निर्यात प्रोत्साहन की रणनीति सहायक होती है। विश्व व्यापार का दूसरा तत्त्व यह है कि विश्व उत्पाद की वृद्धि दर में तेजी आने का प्रभाव, विश्व व्यापार पर सकारात्मक होता है।

2004 में विश्व उत्पत्ति में 5.1% की वृद्धि हुई। इसी वर्ष विश्व व्यापार में 10.3% की प्रभावशाली वृद्धि हुई। 2008 की विश्वव्यापी मन्दी का कुछ प्रभाव विश्व व्यापार पर पड़ा। 2009 में विश्व उत्पत्ति में 2.2% का ह्रास होने के कारण विश्व व्यापार में 14.4% का हास हुआ।

विश्व निर्यातों तथा विक्रासशील देशों के निर्यातों में सादृश्यता देखी जा सकती है। जब विश्व निर्यात बढ़ता है तब विकासशील देशों का निर्यात भी बढ़ता है।

वैश्विक अर्थव्यवस्था में 2013 में 30%, 2014 में 3.6% तथा 2015 में 3. 9% की वृद्धि दर्ज की गई। इन्हीं अवधियों में विश्व व्यापार में क्रमश: 30%, 4. 3% तथा 5.3% की वृद्धि हुई।

विश्व निर्यातों तथा विकासशील देशों के निर्यातों में सादृश्यता देखी जा सकती है। विश्व निर्यात बढ़ता है, विकासशील देशों का निर्यात भी बढ़ता है ।

वर्ष 2012 में विश्व व्यापार के परिमाण की वृद्धि दर 2.8% थी। इस वर्ष यह वृद्धि दर उन्नत अर्थ व्यवस्थाओं में 1.4% तथा उदीयमान और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में 5.0% रही। इस दौरान चीन के व्यापार परिमाण की वृद्धि दर 7.7% तथा भारत के व्यापार परिमाण की वृद्धि दर 7.7% रही। इसके बाद के वर्षों में विश्व व्यापार परिमाण में क्रमशः वृद्धि होती गई। वर्ष 2014 में विश्व के व्यापार परिमाण की वृद्धि दर 5.3% हो गई। इस वर्ष यह वृद्धि दर उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में 2.3% रही, जबकि उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थों में यह वृद्धि दर 5. 3% रही। इस वर्ष के दौरान भारत के विदेशी व्यापार के परिमाण की वृद्धि दर 6.4% रही।

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