bcom 2nd year income from salary and house property pdf notes
वेतन तथा मकान सम्पत्ति से आय ” bcom 2nd year income from salary and house property
वार्षिक
Annual Value
मकान-सम्पत्ति से आय का निर्धारण वार्षिक मूल्य के आधार पर किया जाता है । वार्षिक मूल्य से आशय यह है कि मकान कितने उचित किराये पर सामान्यतया प्रतिवर्ष उठाया जा सकता है । अतः सम्पत्ति का वार्षिक मूल्य निकालने की विधि को ठीक-ठीक समझना आवश्यक
– सामान्यतया वार्षिक मूल्य निम्न घटकों के आधार पर ज्ञात किया जाता है:
(i) किराये की वास्तविक आय ;
(ii) नगरपालिका मूल्यांकन ;
(iii) उचित किराया ; तथा ।
(iv) जहां किराया नियन्त्रण अधिनियम लागू है वहाँ मानक किराया।
(i) वास्तविक किराये से आशय प्राप्त किराये में से किरायेदार को स्वामी द्वारा दी गई सुविधाओं का मूल्य घटाकर तथा किरायेदार द्वारा स्वामी के दायित्वों का वहन करने का मूल्य जोड़कर आई राशि से है।
(ii) नगरपालिका मूल्यांकन से आशय नगरपालिका द्वारा सम्पत्ति के वार्षिक किराए का जो मूल्यांकन किया गया है। ती
(iii) उचित किराया से आशय मकान की स्थिति तथा निर्माण की quality के आधार पर समान अन्य मकान-सम्पत्ति के वास्तविक किराए से है।
(1) वह मकान जो किराये पर उठा हो
(अ) जो किराया नियन्त्रण अधिनियम (Rent Control Act) के अन्तर्गत नहीं आते
. किराये पर उठे हुए ऐसे मकानों का सकल वार्षिक मूल्य निम्न में सबसे अधिक राशि होगी: .
(i) वास्तविक किराया, अथवा
(ii) नगरपालिका मूल्यांकन, अथवा
(iii) उचित किराया।
(ब) जो किराया नियन्त्रण अधिनियम (Rent Control Act) के अन्तर्गत आते हैं। Rent Control Act द्वारा निर्धारित किराया मानक किराया कहलाता है। उच्चतम न्यायालय ने निर्णय दिया है कि सकल वार्षिक मूल्य मानक किराये से कम हो सकता है, – परन्तु यह मानक किराये से अधिक नहीं हो सकता है। (सिवाय जबकि वास्तविक किराया . मानक किराये से अधिक हो)
वेतन तथा मकान सम्पत्ति से आय/ 19. उच्चतम न्यायालय के निर्णय में निम्न बातें को ध्यान देने योग्य हैं।
किसी मकान का नगरपालिका मूल्य मानक किराये से अधिक नहीं हो सकता।
2) किसी मकान का उचित किराया मानक किराये से अधिक नहीं हो सकता। 3) किसी मकान का सकल वार्षिक मूल्य मानक किराये से कम हो सकता है ।
अपवाद- किसी मकान का सकल बार्षिक मूल्य उसी दशा में मानक किराये से अधिक हो सकता है। जब वास्तविक किराया मानक किराये से अधिक हो। –
कर–योग्य भत्ते
(Taxable Allowances)
(1) महंगाई भत्ता तथा मंहगाई वेतन-मूल्यों में वृद्धि के कारण यह भत्ता मिलता है तथा इसकी सम्पूर्ण राशि कर योग्य होती है। कभी यह भत्ता सेवा की शर्तों के अन्तर्गत दिया जाता है और कभी बिना सेवा की शर्तों के अन्तर्गत । यदि यह सेवा की शर्तों के अन्तर्गत दिया जाता है तो यह अवकाश (retirement) सम्बन्धी सुविधाओं के लिए वेतन में शामिल किया जाता है तथा यह मकान किराया भत्ते की कर-मुक्त राशि, प्रमाणित फण्ड में अंशदान की राशि, ग्रेच्युटी तथा किराये से मुक्त मकान की सुविधा का मूल्यांकन करने के लिए भी वेतन शब्द में शामिल किया जाता है । कभी-कभी यह महंगाई वेतन के नाम से भी दिया जाता है। मंहगाई वेतन से आशय है कि यह सेवा की शर्तों के अन्तर्गत दिया जा रहा है तथा अवकाश सम्बन्धी सुविधाओं (retirement benefits) के लिए वेतन में शामिल होगा।
(2) निश्चित चिकित्सा भत्ता-यह पूर्णत्या कर-योग्य है।
(3) टिफिन भत्ता-यह कर्मचारियों को भोजन तथा नाश्ते के लिए दिया जाता है। यह पूर्णतया कर-योग्य है।
(4) नौकर भत्ता-यह पूर्णतया कर-योग्य है चाहे यह किसी भी स्तर के कर्मचारी को दिया गया हो।
(5) प्रेक्टिस न करने का भत्ता-यह सामान्यतया उन चिकित्सकों को दिया जाता है जो सरकारी नौकरी में हैं और जिन्हें निजी प्रेक्टिस करना मना है। यह निजी प्रेक्टिस करने को वर्जित करने से होने वाली हानि की क्षतिपूर्ति करने के लिए दिया जाता है। यह पूर्णतया कर-योग्य है।
(6) पर्वतीय भत्ता-यह भत्ता पर्वतीय क्षेत्र में नौकरी करने वाले कर्मचारियों को दिया . जाता है क्योंकि पर्वतीय क्षेत्र में मैदानी क्षेत्र की अपेक्षा जीवन-निर्वाह लागत अधिक है।
(7) वार्डन भत्ता तथा प्रोक्टर भत्ता-ये भत्ते शिक्षा संस्थाओं में दिये जाते हैं। यदि कोई अध्यापक छात्रावास का वार्डन होता है तो उसे वार्डन भत्ता मिलता है तथा कोई अध्यापक विद्यालय का प्रोक्टर होता है तो उसे प्रोक्टर भत्ता मिलता है। ये दोनों भत्ते पूर्णतया कर-योग्य
(8) प्रतिनियुक्ति (डेप्यूटेशन) भत्ता-जब कोई कर्मचारी अपनी सेवा के स्थायी स्थान से किसी अन्य विभाग, संस्था अथवा स्थान पर कुछ समय के लिए अस्थायी रूप से काम __करने के लिए भेज दिया जाता है तो उसे प्रतिनियुक्ति पर भेजा हुआ कहते हैं। ऐसी दशा में
उसे उस संस्था, विभाग अथवा स्थान से जहाँ वह भेजा गया है प्रतिनियुक्ति (डेप्यूटेशन) भत्ता आयकर/ 20 मिलता है। यह भत्ता पूर्णतया कर-योग्य है।
(9) अतिरिक्त समय कार्य करने का भत्ता-जब कोई कर्मचारी अपने कार्य के सामान्य घण्टों से अधिक कार्य करता है तो उसे अतिरिक्त समय का भत्ता दिया जाता है। यह भत्ता पूर्णतया कर योग्य होता है। ___(10) अन्य भत्ते-उपर्युक्त के अतिरिक्त और भी कई प्रकार के भत्ते हो सकते हैं। उदाहरणार्थ, सेना के कर्मचारियों को युद्ध के क्षेत्र में रहते समय यदि अपना परिवार साथ में नही रखने दिया जाता है तो परिवार भत्ता मिलता है। इसी प्रकार परियोजना भत्ता, विवाह भत्ता, ग्रामीण भत्ता, नगर क्षतिपूरक भत्ता, आदि हो सकते हैं। ये सभी पूर्णतया कर-योग्य हैं, जब तक कि स्पष्टतय कर-मुक्त न कर दिये जायें। .
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