Entrepreneurship Development notes
उद्यमिता विकास
उत्तर -उद्यमिता के विकास से आशय उद्यमियों के विकास तथा उद्यमशील श्रेणी के व्यक्तियों के प्रवाह को प्रोत्साहित करने की प्रक्रिया से है। सरल शब्दों में, यह व्यक्तियों की उद्यमशील क्षमताओं एवं योग्यताओं को पहचानने, उन्हें विकसित करने तथा उनके प्रयोग हेतु अधिकतम अवसर उपलब्ध कराने की प्रक्रिया है। प्रो० पारीक एवं नाडकर्णी के अनुसार, “उद्यमिता के विकास से आशय उद्यमियों के विकास एवं उद्यमशील श्रेणी में व्यक्तियों के प्रवाह को प्रोत्साहित करना है।” Entrepreneurship Development notes
उद्यमिता विकास को प्रभावित करने वाले घटक
(Factors Determining the Development of Enterpreneurship)
उद्यमिता विकास को प्रभावित करने वाले घटकों के सम्बन्ध में विषय विशेषज्ञों के परस्पर विचारों में पर्याप्त मात्रा में भिन्नता विद्यमान है। शुम्पीटर उद्यमिता के विकास का आधारभूत कारण व्यक्तिगत योग्यता एवं वातावरण मानते हैं जबकि मैक्लीलैण्ड उपलब्धि एवं सत्ताधारी उच्च आकांक्षा को ही उद्यमिता के विकास हेतु परम आवश्यक समझते हैं। प्रो० उदय पारीक एवं मनोहर नादकर्णी के मतानुसार उद्यमिता विकास को प्रभावित करने वाले घटकों को प्रमुख रूप से चार भागों में विभाजित किया जा सकता है-(i)व्यक्तिगत घटक, (II) सामाजिक एवं सांस्कृतिक घटक, (III)वातावरण सम्बन्धित घटक एवं (IV) सहायता प्रणाली । Entrepreneurship Development notes
इनका संक्षिप्त विवरण निम्न प्रकार है-
(I) व्यक्तिगत घटक (Individual Factors)-व्यक्ति ही उपक्रम विशेष की स्थापना करने का प्रमुख निर्णय लेता है। व्यक्ति अपने विशिष्ट व्यवहार एवं गुणों के माध्यम से उपक्रम को यह जीवन प्रदान करता है। व्यक्ति की इस प्रकार की साहसिक भूमिका को निम्न घटक प्रभावित करते हैं
(1) अभिप्रेरणा घटक (Motivational Factors)-उद्यमिता के विकास में अभिप्रेरणा व्यक्ति की आधारभूत एवं अद्वितीय शक्ति है। इसके अभाव में व्यक्ति साहसिक कार्यों की दिशा में प्रेरित ही नहीं हो पाता है। अभिप्रेरणा व्यक्ति की आन्तरिक इच्छा एवं शक्ति है, जो कि उसे विशिष्ट लक्ष्य की ओर आकर्षित करने एवं सफलता प्राप्त करने का उत्साह प्रदान करती है। उद्यमिता के सम्बन्ध में अभिप्रेरणा के निम्नांकित तीन तत्व अधिक महत्वपूर्ण हैं(i) साहसिक अभिप्रेरणा (ii) प्रभावोत्पादकता एवं (iii) संघर्ष करने की क्षमता।
(2) साहसिक कौशल (Entrepreneurial Skills)- उद्यमी की सफलता के लिए विभिन्न प्रकार के कौशल, जैसे-तकनीकी-कौशल, प्रबन्धकीय कौशल, मानवीय कौशल आदि की विशेष आवश्यकता होती है। इन्हीं के आधार पर उद्यमियों के लिए आवश्यक कौशल को विकसित करके उद्यमिता को प्रोत्साहित किया जा सकता है । इन विभिन्न प्रकार के कौशलों की विद्यमानता से ही उद्यमी में परियोजना के विकास, उपक्रम का प्रबन्ध एवं उपक्रम के निर्माण के सम्बन्ध में सृजनात्मक निर्णयन एवं उनके क्रियान्वयन की क्षमता का संचार होता है। Entrepreneurship Development notes
(3) साहसी ज्ञान (Entrepreneurial Knowledge)- उद्यमिता का विकास प्रमुख रूप से उद्यमियों के ज्ञान पर निर्भर करता है। विभिन्न क्षेत्रों एवं विभिन्न विषयों के सम्बन्ध में पर्याप्त जानकारी के आधार पर साहसी न केवल अपने कौशल का प्रभावी उपयोग कर सकता है अपितु उपक्रम की सुदृढ़ व्यूह रचना का निर्माण भी कर सकता है। उद्यमिता के विकास हेतु उद्यमियों को वातावरण, उद्योग, प्रौद्योगिकी आदि के विषय में जानकारी प्राप्त करना नितान्त आवश्यक है। Entrepreneurship Development notes
(II) सामाजिक एवं सांस्कृतिक घटक (Social and Cultural Factors)-उद्यमिता के विकास में सामाजिक-सांस्कृतिक घटकों, जैसे- पारिवारिक पृष्ठभूमि,सामाजिक मूल्य, आदर्श, रीति-रिवाज, व्यक्तिगत परम्पराएँ, धार्मिक परम्पराएँ, वैचारिक पद्धतियाँ आदि की विशेष भूमिका होती है। उद्यमी जिन मूल्यों, प्रवृत्तियों एवं व्यवहार का प्रदर्शन करता है, वह उसके सामाजिक-सांस्कृतिक वातावरण का ही परिणाम होता है। समाजीकरण की प्रक्रिया व्यक्ति की आदतों, दृष्टिकोण, चिन्तनशैली, जीवन ढंग, आकांक्षाओं इत्यादि को विशेष रूप से प्रभावित करती है।
Entrepreneurship Development notes सामाजिक प्रशिक्षण, व्यक्ति के परिवार, स्कूल-कॉलेज एवं समाज में निरन्तर चलता रहता है। यह सामाजिक प्रशिक्षण ही व्यक्ति के साहसी गुणों; जैसे-आत्म-निर्भरता, पहलपन, स्वतन्त्रता, चुनौतियों एवं जोखिमों के प्रति स्वीकृति, अवसरों का लाभ, उपलब्धि की इच्छा आदि के विकास में पथ-प्रदर्शक होता है। उद्यमिता के विकास में निम्नांकित दो घटकों का विशेष प्रभाव पड़ता है-
(i) समाजीकरण
(ii) आदर्श व्यवहार एवं
(III) वातावरणीय घटक (Environmental Factors)- उद्यमिता के विकास में राष्ट्र का आर्थिक, राजनैतिक एवं तकनीकी वातावरण अत्यन्त महत्वपूर्ण होता है । उद्यमिता के विकास में राष्ट्र की राजनैतिक प्रणाली, आर्थिक विकास के प्रति सरकार की निष्ठा, प्रौद्योगिकीय स्तर, राष्ट्रीय साहस, विकास कार्यक्रमों, सरकारी नियमों व कानूनों की पर्याप्त भूमिका होती है
(IV) सहायता प्रणाली (Support System)– उद्यमिता के विकास के लिए उपलब्ध सहायता प्रणाली; जैसे-बैंक एवं वित्तीय संस्थाएँ, लघु उद्योग, विकास संस्थान, औद्योगिक विस्तार सेवाएँ, शैक्षणिक संगठन, जिला विकास प्रशासन, शोध व अनुसंधान संस्थाएँ, परामर्श सेवाएँ आदि, उद्यमिता के विकास को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती हैं । उद्यमी को उपक्रम की स्थापना एवं संचालन हेतु इन विभिन्न संस्थाओं की सेवाओं की परम आवश्यकता होती है। इनकी स्वच्छ एवं सुदृढ़ कार्य-प्रणाली उद्यमी के व्यवहार एवं कार्यकुशलता को प्रभावित करती Entrepreneurship Development notes
उपर्युक्त सभी घटक परस्पर एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। व्यक्तिगत एवं सामाजिक-सांस्कृतिक घटक उद्यमिता के विकास में अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग देते हैं. जबकि वातावरण एवं सहायता प्रणाली सम्बन्धी घटक उद्यमिता के विकास में प्रत्यक्ष रूप से सहयोग करते हैं।
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