Cost Audit Meaning Notes

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Cost Audit Meaning Notes

लागत अंकेक्षण से आशय

(Meaning of Cost Audit)

लागत अंकेक्षण से आशय लागत लेखों की एक ऐसी जाँच से है जिसके अन्तर्गत लागत लेखों की प्रणाली की पूर्ण जाँच की जाती है जिससे कि इन लेखों की सत्यता का ज्ञान हो सके।

इन्स्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एण्ड वर्क्स एकाउन्टेट्स इंग्लैण्ड के अनुसार, “लागत अंकेक्षण लागत लेखों के सही होने का सत्यापन और लागत लेखा योजना का अनुसरण है।”

उपर्युक्त परिभाषा के आधार पर यह कहा जा सकता है कि लागत अंकेक्षण से आशय लागत लेखों का सत्यापन करने एवं लागत लेखे से सम्बन्धित योजना के क्रियान्वयन की जाँच करने से है। इसके अतिरिक्त इस अंकेक्षण के अन्तर्गत यह देखने का प्रयास किया जाता है कि संस्था ने लागत लेखे अपने कार्यकलाप के आधार पर ठीक रखे हैं या नहीं। लागत अंकेक्षण द्वारा ही लागत नियन्त्रण एवं गुण नियन्त्रण सम्भव होते हैं ।

लागत अंकेक्षण के उद्देश्य

(Objects of Cost Audit)

लागत अंकेक्षण के उद्देश्यों को निम्नलिखित दो दृष्टिकोणों से व्यक्त किया जा सकता हैं ।

(1) सरकार की दृष्टि से-कुछ संस्थानों के लिये सरकार ने यह आवश्यक कर दिया है कि वे अपने लागत लेखों का अंकेक्षण योग्य अंकेक्षक द्वारा करायें। सरकार की दृष्टि से लागत अंकेक्षण के निम्नलिखित उद्देश्य हैं-

(i) इस बात का ज्ञान प्राप्त करना कि क्या लागत लेखे उचित प्रकार रखे गये हैं तथा इनके सन्दर्भ में उद्योग अपनी उत्पादित वस्तु का उचित विक्रय मूल्य वसूल कर रहा है अथवा नहीं।

(ii) इस बात का ज्ञान प्राप्त करना कि क्या उद्योग संरक्षण प्रदान करने योग्य है ?

(iii) यह जानने के लिये कि क्या उद्योग का प्रबन्ध उचित है ।

(iv) इस बात का पता लगाना कि क्या उद्योग ने सरकारी नियमों का उचित रूप से पालन किया है।

(v) इस बात की जानकारी प्राप्त करना कि क्या उद्योग को ऋण दिया जा सकता है।

(vi) यह पता लगाना कि क्या उद्योग जनहित के विरुद्ध है।

(vii) इस बात की जानकारी प्राप्त करना कि सरकार किसी वस्तु का कितना मूल्य निर्धारित करे।

(2) संस्था की दृष्टि से संस्था की दृष्टि से लागत लेखे के अंकेक्षण के अग्रलिखित उद्देश्य हैं-

(i) लागत लेखे की सत्यता का परीक्षण करना ।

(ii) लागत लेखे पुस्तकों की पर्याप्तता का पता लगाना ।

(iii) लागत लेखों के बनाने में सरकारी आदेशों तथा अधिनियमों का पालन किया गया है या नहीं।

(iv) नई योजनाओं की औचित्यता का परीक्षण करना ।

(v) कार्यक्षमता को बढ़ाने तथा विभिन्न समस्याओं के सुलझाने में मार्गदर्शन प्राप्त करना।

लागत अंकेक्षण के लाभ

(Advantages of Cost Audit)

लागत अंकेक्षण के विभिन्न लाभ निम्नलिखित हैं-

(1) व्यावसायिक संस्था को लाभ (Advantages to business unit)- लागत अंकेक्षण द्वारा संस्था को लागत के सम्बन्ध में पूर्ण जानकारी प्राप्त हो जाती है जिसके परिणामस्वरूप वस्तुओं के मूल्य निर्धारण में आसानी रहती है। इसके अतिरिक्त यदि लागत के विभिन्न तत्वों में कोई तत्व अधिक लागतपूर्ण है तो उसमें सुधार करने की योजनायें बनायी जा सकती हैं। उदाहरण के लिए, बढ़ती हुई श्रम लागत के कारण स्वचालित मशीनें लगाने की योजना बनाई जा सकती है।

(2) श्रमिकों को लाभ (Advantages to Labourers)- लागत लेखों के अंकेक्षण द्वारा श्रमिकों को यह विश्वास हो जाता है कि लागत लेखे सत्य है और उन्हें जो पारिश्रमिक दिया जा रहा है वह उचित है।

(3) विनियोजकों को लाभ (Advantages to Investors)- लागत लेखों के अंकेक्षण द्वारा विनियोजकों को भी लागत का सही-सही ज्ञान प्राप्त हो जाता है। विक्रय मूल्य एवं लागत मूल्य में परिवर्तन की प्रवृत्ति किस ओर है तथा भविष्य में लाभ बढ़ने या घटने की सम्भावना क्या है ?

(4) उपभोक्ताओं को लाभ (Advantages to consumers)- उत्पादन लागतों पर पर्याप्त नियन्त्रण एवं जाँच के कारण उपभोक्ताओं को वस्तुएँ सस्ते मूल्य पर उपलब्ध होती हैं। इस प्रकार लागत अंकेक्षण से उपभोक्ताओं को भी लाभ होता है।

(5) सरकार को लाभ (Advantages to Government)- लागत लेखों के अंकेक्षण द्वारा सरकार को यह विश्वास हो जाता है कि लागत लेखे ठीक प्रकार बनाये गये हैं तथा वस्तुओं का मूल्य निर्धारण लागत के आधार पर सही किया गया है। इसके अतिरिक्त सरकार को उत्पादन शुल्क तथा अन्य विभिन्न करों की चोरी रोकने में पर्याप्त सहायता मिलती है तथा उपभोक्ताओं का शोषण नहीं हो पाता।

(6) वित्तीय अंकेक्षक को लाभ (Advantages to financial Auditor)- वित्तीय अंकेक्षक को ऐसी बहुत सी मदों का अंकेक्षण करना होता है जिनका लागत से प्रत्यक्ष सम्बन्ध है, जैसे श्रम लागत, सामग्री लागत आदि । इन मदों का अंकेक्षण पहले हो जाने से वित्तीय अंकेक्षण में सरलता आ जाती है

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